वक़्त बेवक्त जिन्दगी- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना में जिन्दगी की भागमदौड़ को चित्रित किया गया है साथ ही जिन्दगी किस मोड़ पर आ खड़ी हुई है इसे भी इस रचना की विषयवस्तु बनाय गया है | वक़्त बेवक्त जिन्दगी- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

मुश्किल राहें प्यार की -आर्यन सिंह यादव

जब हिन्दी के जाने माने रचनाकार एवं टेलीविजन कलाकार आर्यन को किसी लड़की से एकतरफा प्यार हुआ मगर उस लड़की को मालूम नहीं था तब उन तक कविता के माध्यम से संदेश भेजने के लिए आर्यन सिंह कृष्णवंशी ने छोटी कविता लिखी-

मैं इंसान हूं मेरे भी अरमान है- मनीभाई नवरत्न

मैं इंसान हूं मेरे भी अरमान है- मनीभाई नवरत्न कविता संग्रह मैं इंसान हूं मेरे भी अरमान है ।जैसे तेरी पहचान वैसे मेरी पहचान है। जो तू सोचता है वह…

यह कैसा लोकतंत्र – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार “अंजुम”

इस कविता में मानव के अनैतिक व्यवहार का वर्णन मिलता है जिसने उसे मानव से दानव की श्रेणी में ला खड़ा किया है | यह कैसा लोकतंत्र - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार "अंजुम"

किस राह – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस रचना में वर्तमान सामाजिक परिवेश में मानव की स्थिति को दर्शाया गया है वह स्वयं को असहाय सा महसूस कर रहा है | किस राह - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

मातृभूमि को नमन- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता में मैंने मातृभूमि की वंदना करने की कोशिश की है साथ ही महान व्यक्तित्व जिन्होंने देश की कीर्ति पताका फह्रराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है उन्हें भी इस कविता में स्थान दिया है | मातृभूमि को नमन- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

सचिन :- क्रिकेट का भगवान- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता में क्रिकेट के महान जादूगर सचिन तेंदुलकर की महान उपलब्धियों और उनके एक महान खिलाड़ी होने की भावना को चरितार्थ रूप में प्रस्तुत करने की एक कोशिश की है सचिन :- क्रिकेट का भगवान- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

नानक दुखिया सब संसार- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस कविता में मैंने दुनिया में जी रहे प्रत्येक प्राणी के दुखों की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है | नानक दुखिया सब संसार- कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

इस धरती पर आये हैं , तो कुछ करके जाना है – कविता

इस कविता में मैंने जीवन को परिपूर्ण करने के लिए किन प्रयासों को जीवन का उद्देश्य बनाया जा सकता है इस बात पर जोर दिया है ताकि जीवन सफल हो सके | इस धरती पर आये हैं , तो कुछ करके जाना है - कविता - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"

कृष्ण भजन – वंदना – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

इस भजन में भगवान् क्रष्ण की वंदना की गयी है कृष्ण भजन - वंदना - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम"