यहाँ पर “नव दीप जले हर मन में” शीर्षक से जानसी पटेल की एक कविता प्रस्तुत की जा रही है:
नव दीप / जानसी पटेल
रचयिता: जानसी पटेल
नव दीप जले हर मन में, नव ज्योति बहे हर जीवन में।
अंधकार हटे हर कोने से, प्रकाश फैले इस सृष्टि में।
सपने संजोए आँखों में, संकल्प हो सजीव मन में।
स्नेह और विश्वास की रीत, हर दिल में हो प्रेम संगीत।
नफरत का हो अंत यहाँ, मित्रता की हो नई दास्तान।
धर्म, जाति, भेदभाव मिटें, मानवता का दीप सदा जलें।
शांति का हो हर तरफ संदेश, भाईचारा हो जग में विशेष।
नव दीप जले हर मन में, नव ज्योति बहे हर जीवन में।
आओ मिलकर संकल्प करें, समाज में नई रोशनी भरें।
अंधेरे से हम लड़ें सभी, प्रकाश का दीप जलाएँ तभी।
नव दीप जले हर मन में, नव ज्योति बहे हर जीवन में।
इस कविता में जानसी पटेल ने आशा, प्रेम, और भाईचारे का संदेश दिया है। हर व्यक्ति के मन में नई उम्मीदों और सकारात्मकता के दीप जलाने का आह्वान किया है, जिससे समाज में शांति, प्रेम, और सद्भावना का वातावरण बने।
इस कविता में भुवन बिष्ट ने आशा, प्रेम, और भाईचारे का संदेश दिया है। हर व्यक्ति के मन में नई उम्मीदों और सकारात्मकता के दीप जलाने का आह्वान किया है, जिससे समाज में शांति, प्रेम, और सद्भावना का वातावरण बने।
नव दीप जले हर मन में/ भुवन बिष्ट
नव दीप जले हर मन में, अब तो भोर हुई हुआ उजियारा। लगे विहग धरा में चहकने, रवि किरणों से जग सजे सारा।। बहे पावन सरिता का जल, हिमशिखरों पर लालिमा छायी। बनकर ओस की बूँदें छोटी, जल मोती यह मन को भायी ।। कुमुदनियाँ अब खिलने लगी, धरा में महक रहे पुष्प सारे। भानू की अब चमक देखकर, छिप गये आसमां में अब तारे।। सजाया जग निर्माता ने, नभ जल थल सुंदर प्यारा । नव दीप जले हर मन में, अब तो भोर हुई हुआ उजियारा। ……भुवन बिष्ट रानीखेत(उत्तराखंड)
कवि वह व्यक्ति होता है जो शब्दों के माध्यम से भावनाओं, विचारों, और अनुभवों को व्यक्त करता है। कवि अपनी रचनाओं में कल्पना, संवेदना, और आत्मा का मिश्रण करते हुए पाठकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। कवि का कार्य केवल शब्दों का संग्रह करना नहीं होता, बल्कि वह अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज, संस्कृति, प्रकृति, और व्यक्तिगत जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है।
कविता:
कविता एक साहित्यिक रचना होती है जो भावनाओं, विचारों और कल्पनाओं को संक्षिप्त और संगीतमय रूप में व्यक्त करती है। कविता में शब्दों का चयन और उनकी संरचना एक विशेष प्रकार की लय और ध्वनि उत्पन्न करती है, जिससे पाठक या श्रोता पर एक गहरा प्रभाव पड़ता है। कविता में आमतौर पर रूपक, अलंकार, छंद और अन्य साहित्यिक उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।
कवि और कविता का संबंध अत्यंत गहरा और संवेदनशील होता है। कविता के माध्यम से कवि अपनी आत्मा की आवाज़ को शब्दों में ढालता है, जो पाठकों के दिलों को छू जाती है।
कवि और कविता
साथ जब से मिला तुम्हारा डूबते को तिनके का सहारा बस हो गया, तब से तुम्हारा हर पल पाया साथ तुम्हारा।
जगनियन्ता की छवि अनुपम प्रकृति का सौंदर्य सुन्दरतम बहा रहा मैं शब्द सरिता अध्यात्म की अनुभूति निरुपम।
पंचतत्व रचना का बखान कराता नित परिवर्तन भान प्रचण्ड प्रकृति वेग को सृजता वर्णन अचम्भित सा करता।
स्थावर जंगम प्रकृति के रूप जड़ चेतन की कृतियाँ अनूप जल थल बसे सब जीवों की गाथाएँ मैं प्रति दिन कहता कुछ पुरातन और कुछ नूतन भविष्य की संभावना गढता।
सृष्टि जीवों में श्रेष्ठ मानव नित नये अनुसंधानों से अर्जित शक्तियाँ मनभावन है उसके सकल प्रयासों से मैं रचता उनका इतिहास शौर्य वीरता का अद्भुत विकास।
बचपन की निश्छल मुस्कान चपल चंचल गति का शुभ गान यौवन का हास परिहास श्रृंगार का मधुमय विकास वियोग की सांसों का भार बीच में स्मृतियों की बौछार।
वृद्धावस्था की विवशता संबन्धों में आई रिक्तता मृत्यु का शाश्वत सत्य सार जगत सब स्वार्थ का व्यापार।
मानवता हित सुनहरे पल बिताते समय सभी हिलमिल ईर्ष्या, द्वेष, लोभ बेईमानी बदलती हवा मनो में तूफानी।
असंगति ,विडम्बना, आक्रोश विविध भावों का समुचित कोष। सब के चित्रण में, तुम संबल! अब तुम संग ही, जीवन प्रति पल।
गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड में दर्ज छन्दबद्ध भारत का संविधान पुस्तक का हिस्सा बने मनीभाई पटेल “नवरत्न”
बसना -भारत के 18 राज्यों के अलावा चार देशों के साहित्यकार द्वारा सृजित विश्व के प्रथम छंदबद्ध भारत का संविधान का हिंदी भवन, नई दिल्ली में विमोचन हुआ। मूल संविधान के 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित 12 अनुसूचियाँ ,जो 2110 दोहे, 422 रोला, 24 अन्य छंदबद्ध कालजयी काव्य ग्रंथ में 142 सदस्य , त्रिसंपादक मंडल जिसमें प्रमुख संपादक “डॉ ओंमकार साहू मृदुल”, सह संपादक डॉ सपना दत्ता “सुहासिनी” , सह संपादक डॉ मधु शंखधर “स्वतंत्र”, के अथक प्रयास से यह छंदबद्ध भारत का संविधान ‘गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में शामिल किया गया है। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ श्याम सिंह ‘शशि’ (पद्मश्री), मुख्य अतिथि मिनाक्षी लेखी ( पूर्व विदेश मंत्री एवं सांस्कृतिक राज्य मंत्री) विशिष्ट अतिथि डॉ सुरेश सिंह शौर्य ‘प्रियदर्शी’ (पुलिस प्रशासनिक अधिकारी गृहमंत्रालय), डॉ संतोष खन्ना (पूर्व न्यायाधीश) , डॉ राम सिंह (वरिष्ठ साहित्यकार) , शकुंतला कालरा (वरिष्ठ साहित्यकार) , चेतन आनंद (कवि एवं पत्रकार), पंकज शर्मा (आज तक एडिटर), आलोक कुमार (भारत प्रमुख गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड), आदि की उपस्थिति में संपन्न हुआ। विश्व का प्रथम छंदबद्ध भारत का संविधान ग्रंथ में बसना अंचल के कवि मनीभाई पटेल नवरत्न ने महत्वपूर्ण अनुच्छेद के कुछ अनुच्छेद को दोहा और रोला में छंदबद्ध किया है। यह पुस्तक गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के दर्ज हुआ है। मनीभाई को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, बुक भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उनके भार्या मीना पटेल और जानसी जीवंश ( पुत्री-पुत्र) भी शामिल रहे।