मोहिनी-डॉ एन के सेठी

मोहिनी-कुंडलियाँ सूरत है मन मोहिनी, राधा माधव साथ।हुए निरख सब बावरे, ले हाथों में हाथ।।ले हाथों में हाथ, छवि लगती अति न्यारी।मुरलि बजाए श्याम,लगे सबकोये प्यारी।।कहता कवि करजोरि,है मनमोहिनी मूरत।सब…

नन्ही कदमों पर कविता

नन्ही कदमों पर कविता नन्ही कदमों से कोसों चलेमाँ की आंचल पकड़े -पकड़े !और कितनी दूर जाना है माँकुछ चलकर हो जाते खड़े !! माँ बोली थोड़ी दूर और ..बेटा…

सरकारी रिपोर्ट पर कविता

सरकारी रिपोर्ट पर कविता सरकारी रिपोर्ट में कभीमजदूर नहीं होतेमज़दूरों की पीड़ा नहीं होतीमज़दूरों के बिलखते बच्चे नहीं होतेनहीं होता उनके अपनी धरती से पलायन होने का दर्दनहीं होती उनकी…

विकास यात्रा पर कविता-नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

विकास यात्रा निकला था वहविकास यात्रा में कमायाअपार धन अर्जित कियाअपार यश अब उसेभूख नहीं लगतीनींद नहीं आती अब केवलअपनी तृष्णा के सहारेजीवित हैविकास यात्री। -- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र9755852479

रोटी पर कविता-नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

रोटी पर कविता पता नहींइसे रोटी कहूँया भूख या मौतआईना या चाँदमज़बूरी या ज़रूरी कभी मैं रोटी के लिएरोती हूँकभी रोटीमेरे लिए रोती है कभी मैंभूख कोमिटाती हूँकभी भूखमुझे मिटाती…

विकास पर कविता-नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

विकास पर कविता उनकी सोच विकासवादी हैउन्हें विश्वास है केवल विकास परविकास के सारे सवालों परवे मुखर होकर देते है जवाबउनके पास मौजूद हैंविकास के सारे आँकड़े कृषि में आत्मनिर्भर…

रुकना भी है चलना- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

रुकना भी है चलना हमें तो बस यही सिखाया गया है चलते रहो चलते रहोबस चलते ही रहो चलते ही रहने का नाम है जिंदगीरुक जाने से जिन्दगी भी रुक…

पुरूष सत्ता पर कविता- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

पुरूष सत्ता पर कविता लोग कहते रहे हैंमहिलाओं का मनजाना नहीं जा सकताजब एक ही ईश्वर ने बनायामहिला पुरुष दोनों कोफिर महिला का मनइतना अज्ञेय इतना दुरूह क्यों.. ? कहीं…

कोरोना पर कविता “खट्टी-मीटी “

कोरोना पर कविता छीन लिया तूनें रोजी रोटी , सुख-चैन भी छीन लिया ! छीन लिया आँखों की नींद ,भोजन-भजन भी छीन लिया !! Corona rescue related ||कोरोना बचाव सम्बंधित…