परशुराम की प्रतीक्षा / रामधारी सिंह “दिनकर”

परशुराम की प्रतीक्षा / रामधारी सिंह "दिनकर"

परशुराम की प्रतीक्षा ChatGPT said: ChatGPT “परशुराम की प्रतीक्षा” कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की एक प्रसिद्ध कविता है, जिसमें कवि ने समाज में व्याप्त अन्याय, अत्याचार, और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नए परशुराम के अवतरण की प्रतीक्षा का वर्णन किया है। इस कविता में परशुराम का प्रतीक उन सभी शोषित और पीड़ित लोगों की आशाओं … Read more

सपनों का दाना /मनीभाई नवरत्न

किसान खेत जोतते हुए

सपनों का दाना /मनीभाई नवरत्न जमीन में दफन होकरपसीने से सिंचितकड़ी देखभाल मेंउगता है ,सपनों का दाना बनके। लाता है खुशियां;जगाता है उम्मीद,कर्ज चुकता करने की।पर रह नहीं पाताअपने जन्मदाता के घर। खेत खलिहान से करता हैमंडे तक की सवारी।और अपने ही भीड़ मेंखो जाती है अनाथ होकर। डरता है ,बारदाने की घुटन से।जाने कब … Read more

कृषक मेरा भगवान / मनीभाई नवरत्न

किसान खेत जोतते हुए

कृषक मेरा भगवान / मनीभाई नवरत्न मैंने अब तकजब से भगवान के बारे में सुना ।न उसे देखा,न जाना ,लेकिन क्यों मुझे लगता हैकि कहीं वो किसान तो नहीं।। उस ईश्वर के पसीने सेबीज बने पौधे,पोषित हुये लाखों जीव।फसल पकने तकचींटी,चूहे,पतंगों कावही एकमात्र शिव।।किसान तो दाता हैइसीलिए वो विधाता है।पर वो आज अभागा है।कुछ नीतियों … Read more

बाधाओं से भय न हमें हम तूफानों में चलते हैं

struggle

बाधाओं से भय न हमें हम तूफानों में चलते हैं बाधाओं से भय न हमें, हम तूफानों में चलते हैं ।। पथ चाहे घोर अँधेरा हो, दु:ख द्वंद्वों ने जब घेरा हो।हो महा वृष्टि भीषण गर्जन, करता हो महाकाल नर्तन।पर कब किससे डरने वाले, हम संघर्षों में पलते हैं।हम तूफानों में चलते हैं। बाधाओं से … Read more

वह नूर पहचाना नहीं/ रेखराम साहू

Hindi Poem ( KAVITA BAHAR)

वह नूर पहचाना नहीं/ रेखराम साहू क्या ख़ुदा की बात,अपने आप को जाना नहींं।साँच है महदूद,मेरी सोच तक माना नहीं ।। ज़िंदगी हँसकर,रुलाकर मौत यह समझा गईं।दुश्मनी है ना किसी से और याराना नहीं।। यह हवस की राह राहत से रही अंजान है।दौड़ना-चलना मग़र मंज़िल कभी पाना नहीं।। हाय होती है ग़रीबों की हमेशा आतिशी।राख़ … Read more