विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

3 दिसम्बर दिव्यांग दिवस :- पर सभी दिव्यांग जनों को सादर समर्पित विकलांग नहीं दिव्यांग है हम आँखे अँधी है, कान है बहरे ,हाथ पांव भी भले विकल ।वाणी-बुद्धि में बनी दुर्बलता ,विश्वास-हौसला सदा अटल । अक्षमताओं से क्षमता पैदा कर ,विकलांग से हम दिव्यांग कहाए ।परिस्थितियों से लोहा लेकर ही ,काँटो-पथ पर फूल खिलाए … Read more

महापर्व संक्रांति / रवि रश्मि ‘ अनुभूति ‘

patang subh makar sankranti

महापर्व संक्रांति / रवि रश्मि ‘ अनुभूति ‘ मधुर – मृदु बोल संक्रांति पर , तिल – गुड़ – लड्डू के खाओमिलजुलकर सभी प्रेम – प्यार , समता , सौहार्द बढ़ाओमहापर्व संक्रांति लाए सदा , खुशहाली चहुँ ओर ,पतंग उड़ाओ , शुभकामनाएँ लेते – देते जाओ । आया – आया करो स्वागत , पर्व संक्रांति … Read more

कागजी तितली / डी कुमार –अजस्र

patang subh makar sankranti

कागजी तितली / डी कुमार –अजस्र ठिठुरन सी लगे ,सुबह के हल्के रंग रंग में ।जकड़न भी जैसे लगे ,देह के हर इक अंग में ।। उड़ती सी लगे,धड़कन आज आकाश में।डोर भी है हाथ में,हवा भी है आज साथ में। पर कागजी तितली…..लगी सहमी सीउड़ने की शुरुआत में ।फैलाये नाजुक पंख ,थामा डोर का … Read more

अनुराग राम का पाने को/ हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’ हरीश

Jai Sri Ram kavitabahar

अनुराग राम का पाने को/ हरिश्चन्द्र त्रिपाठी’ हरीश; अनुराग राम का पाने को,उर पावन सहज प्रफुल्लित है।कण-कण में उल्लास भरा,जन -जीवन अति आनन्दित है।टेक। बर्बरता की धुली कालिमा,सपनों के अंकुर फूटे,स्वच्छ विचारों के प्रहार से,दुर्दिन के मानक टूटे।नाच रहीं खुशियॉ अम्बर में,पुण्य धरा उत्सर्गित है।अनुराग राम का पाने को,उर पावन सहज प्रफुल्लित है।1। बलिदान दिया … Read more

श्री राम को प्रणाम है/ डाॅ विजय कुमार कन्नौजे

Jai Sri Ram kavitabahar

श्री राम को प्रणाम है/ डाॅ विजय कुमार कन्नौजे धीर वीर श्री राम कोकोटि-कोटि प्रणाम है।कौशल्या के लालदशरथ कुमार है।संत हितकारी परदुष्टों का काल है।। वही प्रभु श्री राम को कोटि-कोटि प्रणाम है ।। निर्गुण निराकार परधरती में अवतार है।दशरथ कुमार है परकण कण में राम है।।धीर वीर संयम शीलश्री राम को प्रणाम है। देखने … Read more