सर्वोत्तम आहार /मीना रवि
सभी धर्मों ने शुरू से ही शाकाहारी जीवन शैली को अपनाने की शिक्षा दी हैं,
यूनानी दार्शनिक पाइथागोरस को नैतिक शाकाहार का जनक माना जाता है।
किसानों की कड़ी मेहनत सबको याद दिलाएं अन्नदाता की उम्मीदों को हम पूरा कराएं,
भुखमरी को हम मिटाएं और पशुओं का संरक्षण करें यह संकल्प हो हमारा।
मन मंदिर में बसने वाला शाकाहारी राम था चाहते तो खा सकते थे
वह भी जंगल में मार कर मांस पशु का, लेकिन उसको त्याग कर उन्होंने खाये प्यार से शबरी के झूठे बेरों को।
राम-कृष्ण और नानक जैसे वीरों की यश गाथा हूं मैं मुरली से वश में करने वाले गिरधर मुरारी थे,
महावीर स्वामी जी ने भी अहिंसा को छोड़ने की शिक्षा दी थी।
कंदमूल खाने वालों से मांसाहारी भी डरते हैं, निरोग जीवन का एक ही मंत्र शाकाहारी जीवन शैली को अपनाएं।
अपनी आंखें खोल देख लों पशु की करूण क्रंदन को, इंसानों का जिस्म बना है
शाकाहारी भोजन को, अंग लाश के खा जाएं क्या फिर वो इंसान हैं?
पेट तुम्हारा मुर्दाघर है या कब्रिस्तान, प्रेम त्याग और दया भाव की फसल जहां पर उगती है
वहां हर धर्म में शाकाहारी बनने की शिक्षा दी जाती है।
पशुओं की, पौधों के संरक्षण की कहानी दुनिया जानती है फिर क्यों भूल जाते हो?
अपने मुंह के स्वाद को पूरा करने के लिए पशुओं का जीवन नष्ट कर जाते हो।
आंखें कितना रोती है जब उंगली अपनी जलती है सोचो उस तड़पन की हद जब पशुओं के जिस्म पर तुम्हारी आरी चलती हैं, बेबस पशु को देखा कसाईखाने में जिसके बचने के आसार नहीं।
जीते जी पशु का तन काटा जाए उसकी पीड़ा का ध्यान नहीं,
बिरयानी खाने से पहले उस जीव की चीख तो अवश्य सुन लेना।
मांस अंडे और डेयरी उत्पाद छोड़ देने से वसा,
कम कोलेस्ट्रॉल और बहुत पौष्टिक खाना मिलेगा जो शरीर को रोग मुक्त कर स्वस्थ बनाएगा।
इसीलिए
करुणा को धारण करके शाकाहारी जीवन को अपना लो, शाकाहारी खाना सबसे अच्छा है।
संतुलित भोजन में हरी सब्जियां, फल, शहद,गुड़,साबुत अनाज शामिल कर हृदय को रोगमुक्त करो,
आयुर्वेद में कहा गया है कि संतुलित भोजन ही सर्वोत्तम आहार है।
लेखिका –
श्रीमती मीना रवि, उतराखंड।