जिगर मुरादाबादी (असली नाम: अली सिकंदर) उर्दू शायरी के मशहूर शायरों में से एक थे। उनकी शायरी में गहरी भावनाओं और प्रेम की झलक मिलती है। जिगर मुरादाबादी की ग़ज़लें और शेर आज भी शायरी प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। उनकी शायरी में इश्क़, दर्द, और ज़िन्दगी के अनुभवों का सुंदर चित्रण मिलता है। यहाँ कुछ उनके मशहूर शेर प्रस्तुत हैं:
जिगर मुरादाबादी के कुछ प्रसिद्ध शेर:
“कहाँ मय और कहाँ वाइज़, मगर ऐ दोस्त, ये कह दो, कि वो कूचा, वो गलियां, अब तक याद आती हैं।”
“दिल ग़म से जल चुका था बुरी तरह जिगर, अब शमा बुझ रही थी कि परवाना आ गया।”
“आगही में भी चैन महरूमी, वो ही हालात हैं बुरे, अच्छे।”
“बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं, तुझे ऐ ज़िन्दगी, हम दूर से पहचान लेते हैं।”
“दर्द-ए-दिल के वास्ते पैदा किया इंसान को, वर्ना ताअत के लिए कुछ कम न थे कर्रो-बयां।”
“न थी हालात की परवाह, न था दुनियाँ का कोई ग़म, मुक़द्दर जागने से पहले हम पत्थर के सनम थे।”
“हुस्न वालों को सज़ा क्यूँ दूँ कि मैं दानिश्वर, आप ही अपना ख़ुंजर सा पड़ा करता हूँ।”
“मेरे जैसा कोई ज़िन्दगी की तुझसे उम्मीद रखे, यही बात ग़ज़ल बन जाए, यही बात ख़ुशी दे जाए।”
जिगर मुरादाबादी के बारे में:
जिगर मुरादाबादी का जन्म 6 अप्रैल 1890 को मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वे मुख्य रूप से अपने रोमांटिक और भावनात्मक शेरों के लिए जाने जाते हैं। उनकी शायरी में इश्क़ और ग़म का मिलाजुला अंदाज़ देखने को मिलता है। उन्हें उर्दू शायरी में एक नया मोड़ देने का श्रेय भी दिया जाता है।
जिगर मुरादाबादी का प्रभाव उर्दू साहित्य पर बहुत गहरा रहा है, और उनकी ग़ज़लें और शेर आज भी प्रेमियों के दिलों में बसे हुए हैं। उनका साहित्यिक योगदान उन्हें उर्दू के महान शायरों की श्रेणी में रखता है।
जिगर मुरादाबादी की शायरी
इक लफ़्ज़-ए-मुहब्बत का अदना सा फ़साना है सिमटे तो दिल-ए-आशिक़, फ़ैले तो ज़माना है
हम इश्क़ के मारों का इतना ही फ़साना है रोने को नहीं कोई हंसने को ज़माना है
ये इश्क़ नहीं आसां, बस इतना समझ लीजे एक आग का दरिया है और डूब के जाना है
वो हुस्न-ओ-जमाल उन का, ये इश्क़-ओ-शबाब अपना जीने की तमन्ना है, मरने का ज़माना है
अश्क़ों के तबस्सुम में, आहों के तरन्नुम में मासूम मुहब्बत का मासूम फ़साना है
क्या हुस्न ने समझा है, क्या इश्क़ ने जाना है हम ख़ाक-नशीनों की, ठोकर में ज़माना है
या वो थे ख़फ़ा हमसे या हम थे ख़फ़ा उनसे कल उनका ज़माना था, आज अपना ज़माना है
“शादी का चक्कर, कैसे दोगे ओलंपिक में टक्कर” मनीभाई नवरत्न का एक मजेदार और व्यंग्यात्मक रैप सांग है। यह गाना युवाओं और खेल प्रेमियों के बीच खासा लोकप्रिय है, और इसकी लाइनें अक्सर लोगों को हंसा देती हैं। इस रैप सांग का मुख्य उद्देश्य शादी और खेल के बीच तुलना करके हास्य उत्पन्न करना है।
शादी का चक्कर-कैसे दोगे ओलंपिक में टक्कर / मनीभाई नवरत्न
(Yeah, Yeah, चक्कर पे चक्कर,
शादी का चक्कर , कैसे दोगे ओलंपिक में टक्कर )
**[Verse 1]**
शादी के चक्कर में ,हम हैं सबसे आगे, सच है ना सब जान लो,
सात फेरों में ही अटके हैं हम भागे भागे , सच है ना सब मान लो ।
क्या जनसंख्या बढ़ाने का ठेका, हमने ही ले रखा है मनमाना,
घर-घर में दो-चार बच्चे, बस पड़ोसी को देख देते हैं ताना ।
**[Hook]**
ओलंपिक की बात जो आई, फिस्सड्डी कहलाए हम भाई,
मेहनत की कमी है सारी, अब कैसे करेंगे इसकी भरपाई।
**[Chorus]**
( चक्कर पे चक्कर, शादी का चक्कर ,
कैसे दोगे ओलंपिक में टक्कर )
**[Verse 2]**
शादी के नाम पे खर्चा ही खर्चा , खेलों की होगी कैसे तैयारी,
खेल में तुम ध्यान दो बंधु, तब मेडल की संख्या होगी भारी।
जिंदगी का जुनून सारा , मंडप में खर्च हो जाता है,
लड्डू खाने में बस जोश है, दौड़ने में दम चुक जाता है।
**[Hook]**
शादी होगी, पीढ़ी चलेगी, पर खेलों में चमक दिखानी है,
शादी में गोल्ड की चिंता है , पर ओलंपिक में गोल्ड लानी है।
**[Chorus]**
( चक्कर पे चक्कर, शादी का चक्कर ,
कैसे दोगे ओलंपिक में टक्कर )
**[Outro]**
भारत को ऊँचा करना है, ओलंपिक में है रंग दिखाना।
शादी का अब जश्न छोड़के, खेलों में अब मान बढ़ाना।
वक्त है अब संभलने का, दिशा बदलो, आगे बढ़ो,
छोड़ो जनसंख्या की गिनती, मेडल गिनती पे ध्यान करो।
**[Chorus]**
( चक्कर पे चक्कर, शादी का चक्कर ,
कैसे दोगे ओलंपिक में टक्कर )
“शादी का चक्कर, कैसे दोगे ओलंपिक में टक्कर” एक मनोरंजक रैप सांग है, जो मनीभाई नवरत्न के खास अंदाज में शादी और करियर के बीच की मुश्किलों को हंसी-हंसी में पेश करता है। यह गाना न केवल मनोरंजन के लिए है, बल्कि इसमें एक गहरी बात भी छिपी है कि हमें अपने जीवन के फैसलों को समझदारी से लेना चाहिए।
अंतरा 1: (brother voice) राखी का बंधन है, रिश्तों की पूजा , रिश्तों के इस धागे में, प्यार है छुपा । (sister voice) तू है मेरा भाई, तू ही मेरा साया, मेरे इस जीवन को, खुशी से सजाया।
कोरस:*
रिश्तों की इस डोर में, बंधा है दिल हमारा, बहना के बिना अधूरा, भाई का सपना सारा ।
**रिश्तों की इस डोर में, बंधा है दिल हमारा,
बहना के बिना अधूरा, भाई का सपना सारा ।**
अंतरा 2: (sister voice) जब तू मुस्काए, दिल मेरा खिल जाए, तेरे हर आँसू में, मेरी आँखें भर आएं। (brother voice) तेरी हर राह में, साया बन के रहूँ , लगे जो धुप तुझे , छाया बन के रहूँ ।
कोरस:*
रिश्तों की इस डोर में, बंधा है दिल हमारा, बहना के बिना अधूरा, भाई का सपना सारा ।
रिश्तों की इस डोर में, बंधा है दिल हमारा, बहना के बिना अधूरा, भाई का सपना सारा ।
अंतरा 3: (sister voice) तू मेरा गर्व है , तू ही मेरी जान, भाई के खुशी में, बहना का मान। (brother voice) ** राखी के धागों संग , बहन का प्यार है , तू सदा ही आगे बढ़ना , भाई की पुकार है ।**
कोरस:*
रिश्तों की इस डोर में, बंधा है दिल हमारा, बहना के बिना अधूरा, भाई का सपना सारा ।
रिश्तों की इस डोर में, बंधा है दिल हमारा, बहना के बिना अधूरा, भाई का सपना सारा ।
इस गीत को गाने के लिए आप मध्यम सुर और धीमी से मध्यम लय का उपयोग कर सकते हैं। गीत की भावनात्मक गहराई और भाई-बहन के प्यार को व्यक्त करने के लिए कोमल सुरों का चयन किया गया है। यह गाना राखी के पवित्र बंधन की महिमा को और भी उजागर करेगा।