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कविता
- गांँधीजी का ज्ञान
- बिटिया के मुखड़े पर धवल मुस्कान
- आज बेटी किसी की बहू
- माँ पर कविता हिंदी में
- विश्व पृथ्वी दिवस / देवेन्द्र चरन खरे आलोक
- महान जननायक / अकिल खान.
- श्रीरामनवमी पर कविता
- 13 अप्रैल जलियांवाला बाग नरसंहार दिवस पर हिंदी कविता
- बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान
- विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर एक कविता
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हिंदी कविता
कविता’ साहित्य की वह विधा है जिसमें किसी मनोभाव को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। काव्य वह वाक्य रचना है जिससे चित्त किसी रस या मनोवेग से पूर्ण हो। अर्थात् वह जिसमें चुने हुए शब्दों के द्वारा कल्पना और मनोवेगों का प्रभाव डाला जाता है.
Kavita ‘is the genre of literature in which a sentiment is artistically expressed by a language. Poetry is the syntax that makes the mind complete with emotions. That is, in which imagination and emotions are effected by the chosen words.
बज उठी रण-भेरी / शिवमंगलसिंह ‘सुमन’
बज उठी रण-भेरी / शिवमंगलसिंह 'सुमन'मां कब से खड़ी पुकार रही,पुत्रों, निज कर में शस्त्र गहो ।सेनापति…
सबकी प्यारी भूमि हमारी / कमला प्रसाद द्विवेदी
सबकी प्यारी भूमि हमारी, धनी और कंगाल की।जिस धरती पर गई बिखेरी, राख जवाहरलाल की ।।दबी नहीं वह क्रांति हमारी,…
जीत मरण को वीर / भवानी प्रसाद तिवारी
जीत मरण को वीर / भवानी प्रसाद तिवारीजीत मरण को वीर, राष्ट्र को जीवन दान करो,समर-खेत के बीच अभय हो…
आज सिंधु में ज्वार उठा है / अटल बिहारी वाजपेयी
कुरुक्षेत्र के कण-कण से फिर, पांचजन्य हुंकार उठा है।शत-शत आघातों को सहकर, जीवित हिंदुस्तान हमारा,जग के…
मर्द का दर्द / डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मर्द का दर्द / डॉ विजय कुमार कन्नौजेनारी बिना ना मर्द हैंमर्द का एक दर्द है।एक अनजाने कन्या लाकरपालने पोसने का…
चेहरे पे कई चेहरे / राजकुमार मसखरे
चेहरे पे कई चेहरे / राजकुमार मसखरेमुखौटाचेहरे पे लगे हैं कई चेहरेइन्हें पढ़ना आसान नही,जो दिखती है…
रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनी
रामजी विराजेंगे / रमेश कुमार सोनीरामजी आए हैं संग ख़ुशियाँ लाए हैं सज-धज चमक रही हैं गलियाँपलक-पाँवड़े बिछे…
छत्तीसगढ़ में रिश्ता राम के/ विजय कुमार कन्नौजे
छत्तीसगढ़ में रिस्ता राम के / विजय कुमार कन्नौजेछत्तीसगढ़ के मैं रहइयाअड़हा निच्चट नदान।छत्तीसगढ़ में…
विकलांग नहीं दिव्यांग है हम
3 दिसम्बर दिव्यांग दिवस :- पर सभी दिव्यांग जनों को सादर समर्पितविकलांग नहीं दिव्यांग है हमआँखे अँधी है,…
महापर्व संक्रांति / रवि रश्मि ‘ अनुभूति ‘
महापर्व संक्रांति / रवि रश्मि ' अनुभूति 'मधुर - मृदु बोल संक्रांति पर , तिल - गुड़ - लड्डू के खाओमिलजुलकर सभी…