कृष्ण जन्माष्टमी पर कविता: ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था और वे अपने सबसे बड़े वर्ष के अधिनायक बने थे। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण – देवकी और वासुदेव के पुत्र – का जन्म मथुरा के राक्षस राजा कंस को नष्ट करने के लिए हुआ था।
ओ प्यारे कृष्ण
o आचार्य मायाराम ‘पतंग’
ओ प्यारे कृष्ण ओ कन्हैया, हिंद को बचा लो फिर से आय के ।
भूल गए भारत माता को, अपनी संस्कृति भूले।
नकल विदेशों की करने में, हम घमंड से फूले।
भूल गए गंगा की गरिमा, रामायण और गीता ।
गायत्री जप, त्याग, तपस्या, श्रद्धा विनय पुनीता ।
ओ भटके हाय गाय मैया, हिंद को बचा लो फिर से आय के।
यज्ञ, हवन, पूजा सब भूले, गावें गंदे गानें।
करके नशा जागरण करते, माँ को चले मनाने।
ओ रोवें देवकी सी मैया, हिंद को बचा लो फिर से आय के ।
भूले, मंत्र, छंद, रस कविता, शास्त्र शस्त्र सब छोड़े।
करते डिस्को नाच, कूदते, जैसे बंदर घोड़े ।
ओ बाँके बांसुरी बजैया, हिंद को बचा लो फिर से आय के ।
गली-गली दुर्योधन फिरते, घर-घर खड़े दुशासन ।
अर्जुन बैठे कायर बनकर, न्याय न करता शासन ।।
ओ गीता – ज्ञान के रचैया, हिंद को बना लो फिर से आय के ।