श्रम श्वेद- बाबूलाल शर्मा (ताटंक छंद)

ताटंक छंद ~विधान :- १६, १४ मात्राभारदो दो चरण ~ समतुकांत,चार चरण का ~ छंदतुकांत में गुरु गुरु गुरु,२२२ हो। श्रम श्वेद- बाबूलाल शर्मा (ताटंक छंद) कविता संग्रह बने नींव…

नमन करूँ मैं- बाबूलाल शर्मा

नमन करूँ मैं- बाबूलाल शर्मा नमन. ( 16,14)नमन करूँ मैं निज जननी को,जिसने जीवन दान दिया।वंदन करूँ जनक को जिसनेजीवन का अरमान दिया।नमन करूँ भ्राता भगिनी सब ,संगत रख कर…

बातें पिता पद की- बाबूलाल शर्मा

बातें पिता पद की- बाबूलाल शर्मा छंद सजीवन प्राण देता है,सहारा गेह का होते।कहें कैसे विधाता है,पिताजी कम नहीं होते।मिले बल ताप ऊर्जा भी,सृजन पोषण सभी करता।नहीं बातें दिवाकर की,पिता…

पीयूष वर्ष छंद (वर्षा वर्णन) बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’

पीयूष वर्ष छंद (वर्षा वर्णन) बासुदेव अग्रवाल 'नमन' छंद बिजलियों की गूंज, मेघों की घटा।हो रही बरसात, सावन की छटा।।ढोलकी हर ओर, रिमझिम की बजी।हो हरित ये भूमि, नव वधु…

हे प्रभु मेरी विनती सुन लो – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

इस रचना में प्रभु भक्ति के माध्यम से जीवन को दिशा मिले इसका प्रयास किया गया है | हे प्रभु मेरी विनती सुन लो , प्रभु दर्शन की आस जगा दो - भजन - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम "

चंद फूलों की खुशबू – अनिल कुमार गुप्ता

यह एक ग़ज़ल है जिसमे जिन्दगी को रोशन किस तरह से किया जाए इस बारे में जिक्र किया गया है | चंद फूलों की खुशबू से कुछ नहीं होता - ग़ज़ल - मौलिक रचना - अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम "

कोशिश फिर से करते हैं

कोशिश फिर से करते हैं आओ एक कोशिश फिर से करते हैं,टूटी हुई शिला को फिर से गढ़ते हैं।आओ एक कोशिश फिर से करते हैं,हाँ, मैं मानता हूँइरादे खो गए,हौसले…

ये भी विकलांगता है

ये भी विकलांगता है कविता संग्रह नर मूर्तियाँ बना प्रभु ने ,किया काम उत्तमता है।रह गयी कुछ कमियाँ,जग कहे अपंगता है।ये भी……………….। पाँव एक ही होकर भी ,गिरी राज लांघता…

प्रतीक्षा पर कविता

प्रतीक्षा पर कविता आयु ही जैसे प्रतीक्षा-श्रृंखला है,हर प्रतीक्षा पूर्ण कब होती भला है!रवि प्रतीक्षित धर्मरत हैं पूर्व-पश्चिम,सूर्य मिलकर पूर्व से पश्चिम चला है।धैर्य से जिस बीज ने की है…