मोला मया हे तोर से बड़ रे

ए देखत कि तोला का होगै मोला। मोर जिया करे फड़ फड़ रे। मोला मया हे तोर से बड़ रे। जहां जावा तोला पावा तोर पाछु मय ह आवा। का सुनावा, का बतावा रे। तोर मोहनी सूरत देखके मयतो मरमरजावा रे। तोर सुरता ऐसे लागे मैं ठहरो बेरा भागे। मोर काम बुता नई होवे रीता … Read more

गुरू घासीदास जी पर हिंदी कविता

गुरू घासीदास छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले के गिरौदपुरी गांव में पिता महंगुदास जी एवं माता अमरौतिन के यहाँ अवतरित हुये थे गुरू घासीदास जी सतनाम धर्म जिसे आम बोल चाल में सतनामी समाज कहा जाता है, के प्रवर्तक थे। विकिपीडिया गुरू घासीदास जी पर हिंदी कविता चलसंगी गुणगान गाबो, घांसीबबा के।गुरु के नांव बगराबो, सतनाम … Read more

अपना-अपना एक सितारा- उपमेंद्र सक्सेना

अपना-अपना एक सितारा इतने तारे आसमान में, उनका क्यों संज्ञान करें अपना-अपना एक सितारा, उसका ही सब ध्यान करें। दुनिया के सब काम आजकल, मतलब से ही चलते हैंभोले -भालों की छाती पर, दुष्ट मूँग अब दलते हैंअपना उल्लू सीधा करने को सब खूब मचलते हैंआस्तीन के साँप यहाँ पर, चुपके-चुपके पलते हैं अब अपनी … Read more

संविधान का सम्मान – अखिल खान

संविधान का सम्मान स्वतंत्रता के खातिर,कितने गंवाएं हैं प्राण,संविधान के लिए,वीरों ने दी है अपनी जान।अस्पृश्यता,दुर्व्यवहार में लिप्त था समाज,समाज में अत्याचारी-राक्षस,करते थे राज।दु:खियों,बेसहारों का होता था नित अपमान,प्यारे हिन्दवासी किजीए,संविधान का सम्मान। एक – रोटी के टुकड़े के लिए,तरसते थे जन, आजादी के लिए पुकारता,धरती और गगन। ज्ञान की रोशनी से दूर हुआ,जुल्म का … Read more

संविधान पर दोहे

doha sangrah

——संविधान—— सपने संत शहीद के,थे भारत के नाम।है उन स्वप्नों का सखे, संविधान परिणाम।। पुरखों ने निज अस्थियों,का कर डाला दाह।जिससे पीढ़ी को मिले, जगमग ज्योतित राह।। संविधान तो पुष्प है, बाग त्याग बलिदान।अगणित अँसुवन धार ने,सींची ये मुस्कान।। भीमराव अंबेडकर,थे नव भारत दूत।संविधान शिल्पी कुशल, सच्चे धरा सपूत।। लोकतंत्र संदर्भ में, संविधान का अर्थ।ऐसी … Read more