शिवरात्रि पर कविता-कन्हैया लाल श्रीवास
प्रस्तुत कविता शिवरात्रि पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।

हिंदी कविता संग्रह

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प्रस्तुत कविता शिवरात्रि पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
कुण्डलिया शतकवीर – बाबूलाल शर्मा १. *वेणी* मिलती संगम में सरित, कहें त्रिवेणी धाम!तीन भाग कर गूँथ लें, कुंतल वेणी बाम!कुंतल वेणी बाम, सजाए नारि सयानी!नागिन सी लहराय, देख मन चले जवानी!कहे लाल कविराय, नारि इठलाती चलती!कटि पर वेणी साज,…
जीविनी युवा रचनाकार आलोक कौशिक एक युवा रचनाकार एवं पत्रकार हैं। इनका जन्म 20 जून 1989 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम पुण्यानंद ठाकुर एवं माता का नाम सुधा देवी है। मूलतः बिहार राज्य अन्तर्गत अररिया…
कवि पर दोहे विधी की सृष्टि से बड़ा, कवि रचना संसार।षडरस से भी है अधिक,इसका रस भंडार।।1।। विधि रचना संसार का,इक दिन होता अंत।कवि की रचना का कभी ,कभी न होता अंत।।2।। रवि नही पहुँचे जहां,कवी पहुंच ही जाय।कवि की…
सवेरा पर कविता हुआ सवेरा जानकर , गुंजन करे विहंग।चले नहाने सर्वजन,कलकल करती गंग।। नित्य सवेरे जो उठे , होता वह नीरोग।सुख से वह रहता सदा,करता है सुखभोग।। नित्य सवेरे जो जपे, मन से प्रभु का नाम।मिट जाते है कष्ट…
प्रेम दिवस पर कविता चक्षुओं में मदिरा सी मदहोशीमुख पर कुसुम सी कोमलतातरूणाई जैसे उफनती तरंगिणीउर में मिलन की व्याकुलता जवां जिस्म की भीनी खुशबूकमरे का एकांत वातावरणप्रेम-पुलक होने लगा अंगों मेंजब हुआ परस्पर प्रेमालिंगन डूब गया तन प्रेम-पयोधि मेंतीव्र…
प्रेमगीत है मुझे स्मरण… जाने जाना जानेमन !वो पल वो क्षणहमारे नयनों का मिलनजब था मूक मेरा जीवनतब हुआ था तेरा आगमनकलियों में हुआ प्रस्फुटनभंवरों ने किया गुंजन है मुझे स्मरण… जाने जाना जानेमन !तेरा रूप तेरा यौवनजैसे खिला हुआ…
अक्षर पर कविता मैं तो हूं केवल अक्षरतुम चाहो शब्दकोश बना दो लगता वीराना मुझकोअब तो ये सारा शहरयाद तू आये मुझकोहर दिन आठों पहर जब चाहे छू ले साहिलवो लहर सरफ़रोश बना दो अगर दे साथ तू मेरागाऊं मैं…
फागुन माह पर दोहा -मदन सिंह शेखावत फागुन मास सुहावना, उड़ती रंग गुलाल।खेले अपनी मौज मे,कुछ भी नही मलाल।।1 फागुन आयो हे सखी, पिया बसे परदेश।कुछ भी अच्छा ना लगे,आये नही स्वदेश।।2 फागुन के हुडदंग मे, बाजे डोल मृदंग।नाचे सब…
अलि पर कविता अलि पुष्प के पराग से,लेता है रससार।पुष्प पुष्प पर बैठता , करे सदा गुंजार।। अलि करता मधुमास में,फूलों का रसपान।कोयल मीठा गात है ,करती है गुण गान।। कली कली में बैठता,अलि करता मधुपान।मस्त मगन हो घूमता,गुन गुन…
पवित्र प्रेम पर कविता रचनाकार- बाँके बिहारी बरबीगहीया राज्य -बरबीघा बिहार (पुनेसरा ) एक कपोत ने आकर हमसे कह डाले सब प्रेम की बात कुछ लिखो तुम स्वेत पत्र पे और लिखो कुछ अपनी याद मेरे गले में प्रेम पत्र…
मातृ पितृ पूजन दिवस पर कविता दिवस मातृ पितु ले मना, करिये सत संकल्प।ईश मान पितु मात को, छोड़ो सभी विकल्प।। घर में ही भगवान हैं, सच जीवन दातार।मात पिता को मान दें, करिये उनसे प्यार।। जन्म दिया है आपको,…