डॉग लवर पर पत्रकारिता
डॉग लवर पर पत्रकारिता ओमप्रकाश भारतीय उर्फ पलटू जी शहर के सबसे बड़े उद्योगपति होने के साथ ही फेमस डॉग लवर अर्थात् प्रसिद्ध कुत्ता प्रेमी भी थे। पलटू जी ने लगभग सभी नस्ल के कुत्ते पाल रखे थे। उन्हें कुत्तों…

हिंदी कविता संग्रह

हिंदी कविता संग्रह
डॉग लवर पर पत्रकारिता ओमप्रकाश भारतीय उर्फ पलटू जी शहर के सबसे बड़े उद्योगपति होने के साथ ही फेमस डॉग लवर अर्थात् प्रसिद्ध कुत्ता प्रेमी भी थे। पलटू जी ने लगभग सभी नस्ल के कुत्ते पाल रखे थे। उन्हें कुत्तों…
ख़यालों पर कविता तुम मेरे ख़यालों में होते होमैं ख़ुशनसीब होता हूँबात चलती है तुम्हारी जहाँमैं ज़िक्र में होता हूँ . पलकें बंद होती नहीं रातों कोयादों को तुम्हारी आदत हैरातों की सियाही कटती नहींमैं फ़िक़्र में होता हूँ. क़तरा…

शृंगार छंद विधान श्रेष्ठ हो मेरा हिन्दुस्तान आरती चाह रही है मात।भारती अंक मोद विज्ञात।सैनिको करो प्रतिज्ञा आज।शस्त्र लो संग युद्ध के साज। विश्व मानवता हित में कर्म।सत्य है यही हमारा धर्म।आज आतंक मिटाना मीत।विश्व की सबसे भारी जीत। पाक…
साजन पर कविता मंद हवा तरु पात हिले,नचि लागत फागुन में सजनी।लाल महावर हाथ हिना,पद पायल साजत है बजनी।आय समीर बजे पतरा,झट पाँव बढ़े सजनी धरनी।बात कहूँ सजनी सपने,नित आवत साजन हैं रजनी। फूल खिले भँवरा भ्रमरे,तब आय बसे सजना…
सौ प्यास कैसे बुझे पर कविता मुझे कुछ ना सुझेभला एक बूंद मेंसौ प्यास कैसे बुझे ?तू मेरी ना सोच ,जा किसी चोंचअमृत बन .मेरी यही नियति हैकि तड़प मरूँअति महत्वाकांक्षा में.अब जान पाया हूंकि उचित हैसफर करना शून्य से…
ख्वाहिश पर कविता मिट्टी से बना हूं मैं , मिट्टी में मिल जाऊंगा।जब तक हूँ अस्तित्व में ,रौशनी कर जाऊंगा।। तम छाया है हर तरफ,सात्विकता बढ़ाऊंगा।विवेक को जगा कर मैं,रोशनी कर जाऊंगा।। विनय रूपी भरूँ तेल ,धैर्य की बाती बनाऊंगा।सतत…
सत्य पर कविता मैं कल भी अकेला थाआज भी अकेला हूंऔर संघर्ष पथ परहमेशा अकेला ही रहूंगा मैं किसी धर्म का नहींमैं किसी दल का नहींसम्मुख आने से मेरेभयभीत होते सभी जानते हैं सब मुझकोपरंतु स्वीकार करना चाहते नहींमैं तो…

होली चालीसा :-चालीसा हिंदू धर्म में विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा के लिए गायी जाने वाली प्रार्थना होती है। ये प्रार्थनाएँ विशेष रूप से उन देवी-देवताओं को समर्पित की जाती हैं जिन्हें मान्यता है कि उनकी शक्ति और कृपा से भक्तों…
बंधन पर कविता बंधन बांधो ईश से, और सभी बेकार।केवल ब्रह्म सत्य है,पूरा जगत असार।। बंधन केवल प्यार का,होता बड़ा अनूप।स्वार्थ भावना से रहित,होता इसका रूप।। कर्मों का बंधन हमे,बांधे इस संसार।कर्म करें निष्काम तो,होते भव से पार।। मर्यादा में…
शादी पर गीत मैं चूल्हे की नाँब घुमाऊँ , लाइटर तुम जला दो ना।सब्जी मैंने छौंकी हैं जी , आकर इसे चला दो ना। प्यार करें हैं कब से दोनों , लाज रखेंगे हम इसकी।महामिलन कर सीमा तोड़े , टिकट…
रजत विषय पर दोहा रजत वर्ण की चाँदनी,फैल रही चहुँओर।चमक रहा है चंद्रमा, लगे रात भी भोर।। रात अमावस बाद ही , होता पूर्ण उजास।दुग्ध धवल सी पूर्णिमा,करती रजत प्रकाश।। कर्म सभी ऐसा करो , हो जाए जो खास।रजत पट्टिका…
दंगों से पहले पर कविता दंगों से पहले शांत महौल थाइस शहर कादंगों से पहले नाम निशाननहीँ था वैर कादंगों से पहले अंकुरित नहीँ थाबीज जहर कादंगों से पहले सौहार्द-सदभाव काहर पहर थादंगों से पहले न साम्प्रदायिकताका कहर थादंगों से…