मुलाकात पर कविता

मुलाकात पर कविता मैं जब भीफरोलता हूँअलमारी में रखेअपने जरूरी कागजाततो सामने आ ही जाती हैएक चिट्ठीजो भेजी थीवर्षों पहलेमेरे दिल केमहरम नेभले ही उससेमुलाकात हुएहो गए वर्षोंपर चिट्ठीकरा देती है अहसासएक नई मुलाकात का -विनोद सिल्ला© Post Views: 73

जन अदालत लघु कथा

जन अदालत लघु कथा बचाओ बचाओ बचाओ की आवाज सुन दद्दू झोपडी से बाहर झाँका तो सन्न रह गया।गाँव के पटवारी को वर्दीधारी नक्सली घसीटते हुए ले जा रहे थे।दद्दू को समझते देर न लगी आज फिर हत्या कर दी…

चटनी पर कविता

चटनी पर कविता चटनी लहसुन पीसना,लेना इसका स्वाद।डाल टमाटर मिर्च को,धनिया रखना याद।। अदरक चटनी रोज ले,भागे दूर जुकाम।खाँसी सत्यानाश हो,करते रहना काम।। चटनी खाना आम की,मिलकर के परिवार।उँगली अपनी चाट ले,मुँह में आवे लार।। चंद करेला पीसकर,खाना इसको शूर।गुणकारी…

कोरोना पर दोहे

कोरोना पर दोहे विद्यालय सब बंद है,कोरोना का घात।नर नारी सब मास्क पर,कहते डर की बात।। हाथ विचारे देख के,रहते हैं चुपचाप।नहीं बताते कुछ हमें,कोरोना पर आप।। कोरोना के काट का,खोज करो सब आज।मरे नहीं कोई यहाँ,होवे खूब इलाज।। आवत…

कवि पर कविता

कवि पर कविता साहित्य के चूल्हे परशब्दों का तवा चढ़ावैचारिकता की लकड़ी मेंभावनाओं की आग जलाकरकलम की चिमटी सेमैं कविताओं की रोटियां सेंकता हूँहाँ! मैं कवि हूँ। ©तिलसमानी_KYS Post Views: 88

बहुजनों का नायक साहब कांशीराम पर कविता

कांशीराम पर कविता हाथी जैसा चाल,और शेर का दहाड़ था।हरि सिंह का लाडला,ओ साहब कांशीराम था।बिसन कौर के लाल,रूपनगर में जन्मे।डील डौल बालक, बचपन से होनहार था। सफर किये वैज्ञानिक तक,ऐसा विद्वान था।मान्यवर कांशीराम जी, देश का महान था।आदर्श रहे…

साहब कांसीराम पर कविता

साहब कांसीराम पर कविता वो साईकिल चलाने वालासाहब कांसीराम था। वंचित को हक दिलाने वालासाहब कांसीराम था। बामसेफ को बनाने वालासाहब कांसीराम था। नीला झंडा उठाने वालासाहब कांसीराम था। खून में उबाल लाने वालासाहब कांसीराम था। शुद्र मन पर छाने…

मित्रता पर कविता

मित्रता पर कविता मित्रो के विवाद में संवाद करना चाहिए।मित्रो की मित्रता में अमृत रस बना चाहिए। मित्र ज्ञानी हो ना हो, सचा होना चाहिए।मित्रो में कपट ना हो, प्रेम होना चाहिए। समस्या में मित्रो का आसरा लेना चाहिए।भूख में…

घर मंदिर पर कविता

घर मंदिर पर कविता त्याग और सहयोग जहाँ होघर वो ही कहलाता है।इक दूजे में प्यार बहुत होघर मंदिर बन जाता है।।1।। आँगन में किलकारी गूँजेघर बच्चों से भरा रहे।नारी का सम्मान जहाँ होप्रेम और सहयोग रहे।।2।। बड़े दिखाए स्वयं…

संस्कृति पर कविता

संस्कृति पर कविता अपनी संस्कृति अपनाओ,अपना अभिवादन अपनाओ!जब भी मिले दूसरो से ,हाथ जोड़ मुस्कुराओ !!हाथ जोड़ मुस्कुराओ,कोरोना दूर भगाओ!हाथ धोये साबुन सेथोड़ा न घबराओ !!कहे दूजराम पुकार के ,सावधानी अपनाओ!खांसते मास्क लगाओकोरोना दूर भगाओ !! दूजराम साहूनिवास -भरदाकलातहसील -खैरागढ़जिला-…

दादाजी पर कविता (एक अद्भुत मित्र)

दादाजी पर कविता आज सुनाता हूँ मैं मेरे जीवन का वो प्रसंगजो है मेरे जीवन का एक अद्भुत अमिट अंग॥हुई कृपा उस ईश्वर की जो मुझे यहाँ पर भेजा हैसौंप दिया उस शख्श को मुझे जिसका मृदुल कलेजा है॥ईश्वर दे…

कैसे जाल बिछाया है कोरोना

कैसे जाल बिछाया है कोरोना कैसे जाल बिछाया है ?तूने रे कोरोना!हाहाकार मचा दिया है,हो रही है रोना !!कोरोना बोला सुन रे मानव,छोड़ दिया तूने अपनी संस्कृति,संस्कार भी भुला दिया !हाय हलो कर हाथ मिलाकर,रोगो को फैला दिया !!खान पान…