मुलाकात पर कविता
मुलाकात पर कविता मैं जब भीफरोलता हूँअलमारी में रखेअपने जरूरी कागजाततो सामने आ ही जाती हैएक चिट्ठीजो भेजी थीवर्षों पहलेमेरे दिल केमहरम नेभले ही उससेमुलाकात हुएहो गए वर्षोंपर चिट्ठीकरा देती है अहसासएक नई मुलाकात का -विनोद सिल्ला© Post Views: 73
