देवकरण गंडास अरविन्द की कवितायेँ
यहाँ पर देवकरण गंडास अरविन्द की कवितायेँ दी जा रही हैं श्रमिक का सफर जब ढलता है दिन सब लौटते घरहर चेहरा कहां खुश होता है मगर,उसका रास्ता निहारती कुछ आंखेंपर खाली हो हाथ तो कठिन डगर।ऐसा होता है श्रमिक का सफर….. उसने सारा दिन झेला धूप पसीनाबना लिया है उसने खुद को पत्थरहाथ पांव … Read more