मैथिलीशरण गुप्त की 10 लोकप्रिय कवितायेँ

चारु चंद्र की चंचल किरणें / मैथिलीशरण गुप्त चारुचंद्र की चंचल किरणें, खेल रहीं हैं जल थल में,स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है अवनि और अम्बरतल में।पुलक प्रकट करती है धरती, हरित तृणों की नोकों से,मानों झीम[1] रहे हैं तरु भी, मन्द पवन के झोंकों से॥ पंचवटी की छाया में है, सुन्दर पर्ण-कुटीर बना,जिसके सम्मुख स्वच्छ शिला … Read more

सुमित्रानंदन पंत की १० सर्वश्रेष्ठ कवितायेँ

परिवर्तन / सुमित्रानंदन पंत (१)अहे निष्ठुर परिवर्तन!तुम्हारा ही तांडव नर्तनविश्व का करुण विवर्तन!तुम्हारा ही नयनोन्मीलन,निखिल उत्थान, पतन!अहे वासुकि सहस्र फन!लक्ष्य अलक्षित चरण तुम्हारे चिन्ह निरंतरछोड़ रहे हैं जग के विक्षत वक्षस्थल पर !शत-शत फेनोच्छ्वासित,स्फीत फुतकार भयंकरघुमा रहे हैं घनाकार जगती का अंबर !मृत्यु तुम्हारा गरल दंत, कंचुक कल्पान्तर ,अखिल विश्व की विवरवक्र कुंडलदिग्मंडल ! (२)आज कहां वह पूर्ण-पुरातन, … Read more

माखनलाल चतुर्वेदी की १० सर्वश्रेष्ठ कवितायेँ

दीप से दीप जले / माखनलाल चतुर्वेदी सुलग-सुलग री जोत दीप से दीप मिलेंकर-कंकण बज उठे, भूमि पर प्राण फलें। लक्ष्मी खेतों फली अटल वीराने मेंलक्ष्मी बँट-बँट बढ़ती आने-जाने मेंलक्ष्मी का आगमन अँधेरी रातों मेंलक्ष्मी श्रम के साथ घात-प्रतिघातों मेंलक्ष्मी सर्जन हुआकमल के फूलों मेंलक्ष्मी-पूजन सजे नवीन दुकूलों में।। गिरि, वन, नद-सागर, भू-नर्तन तेरा नित्य … Read more

विश्व करुणा दिवस पर विशेष शायरी

एक बेटी की करूणा जो अपने जन्म पर अपराधी सा महसूस करती अपनी मां को धैर्य बंधाती है

हम सब की है पाठशाला

हमारी पाठशाला लोकेश कुमार भोई, सहायक शिक्षक, प्राथमिक शाला छिर्राबाहरा की पहली रचना है जिसे उन्होंने अपने स्कूल को समर्पित किया है.