ननपन के सुरता (छत्तीसगढ़ी कविता)
ननपन के सुरता (छत्तीसगढ़ी कविता) ➖➖➖➖➖➖रचनाकार-महदीप जंघेलग्राम-खमतराई,खैरागढ़जिला- राजनांदगांव(छ.ग)विधा-छत्तीसगढ़ी कविता पहली के बात, मोर मन ल सुहाथे।ननपन के सुरता मोला अब्बड़ आथे।। होत बिहनिया अंगाकर रोटी ल,खाय बर अभर जावन।कमती खा के घलो,दाई के मया अउदुलार ले अघा जावन।।दूध दही मही…