मझधार पर कविता -रेखराम साहू

मझधार पर कविता -रेखराम साहू जीवन,नौका है हम सबका, सरितावत् संसार है,जन्म,मरण दो तट हैं इसके,और आयु मझधार है। आत्मा,मन ये नाविक हैं दो,ये ही इसे चलाते हैं,कुशल हुए तो पार लगाते,अकुशल हुए डुबाते हैं।कर्म-धर्म से ही बनती इस नौका…

तांका की महक

तांका की महक बेटी का ब्याहहुआ धूमधाम सेहुई विदाईबहू जला दी गईफिर खबर आई 2लड़का एकमां बाप का सहाराबेरोजगारअशिक्षित नाकाराबना आंखों का तारा3एक लड़कीसुशील सुशिक्षितविनयशीलमायका ससुरालहो एक जैसा हाल4समय परहुआ नहीं जो काममान लीजिएगया कौड़ी के दामवो दशहरी आम5सोच बदलोसमय…

बदलते परिवेश पर कविता

बदलते परिवेश पर कविता बदल रहा है आज जमाना डॉ एनके सेठी द्वारा रचित बदलते परिवेश पर कविता है। आज समय के साथ साथ रिश्तों की परिभाषा बदल चुकी है। बदल रहा है आज जमाना भौतिकता के नए दौर मेंबदल…

7 अप्रैल विश्व स्वास्थ्य दिवस पर कविता

7 अप्रैल विश्व स्वास्थ्य दिवस पर कविता पहला सुख निरोगी काया।हमारे पूर्वजो ने भी बताया। अच्छी लागे ना मोह माया,अगर निरोगी ना हो काया। निरोगी जीवन का आधार।सबसे पहले हमारा आहार। रसना को जिसमें रस आये ,तन को वो रास…

सामाजिक क्रांति के मसीहा – कांशीराम

प्रस्तुत हिंदी कविता सामाजिक क्रांति के मसीहा काशीराम कवि डिजेंद्र कुर्रे कोहिनूर द्वारा रचित है जहां पर कवि ने कांशीराम जी के जीवन परिचय को काव्य का रूप दिया हुआ है। सामाजिक क्रांति के मसीहा – कांशीराम गिरे पड़े पिछड़ों…

अभिमान पर दोहे

doha sangrah

प्रस्तुत हिंदी कविता ” अभिमान ” कवयित्री मनोरमा चंद्रा’रमा‘ के द्वारा दोहा — छंद में रची गई है। इस कविता में कवयित्री ने माया , धन वैभव की निस्सारता, जाति धर्म भेदभाव पर भी बात रखी है। अभिमान पर दोहे…

राम कथा के हाइकु

Jai Sri Ram kavitabahar

रामकथा को आप अपनी विभिन्न कहानियों लेखों और कविताओं के माध्यम से जाना ही होगा । आज रामकथा को हाइकु के माध्यम से जानें, जिसे लिखा है रमेश कुमार सोनीजी ने। वैसे बता दें, हाइकु एक जापानी काव्य विधा है…

भोर का तारा एक आशावादी कविता

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भोर का तारा पद्ममुख पंडा के द्वारा रचित आशावादी कविता है जिसमें उन्होंने प्रकृति का बेहद सुंदर ढंग से वर्णन किया है। साथ में यह भी बताया है कि किस तरह से रात्रि के बाद दिवस हो रहा है अभिप्राय…

अखिल विश्व के राम / सुशील शर्मा

Jai Sri Ram kavitabahar

राम प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया राम राष्ट्र की जीवन धारा नवगीतसुशील शर्मा अखिल विश्व के राम / सुशील शर्मा राम राष्ट्र की जीवन धाराअखिल विश्व…

जन-जन के प्रिय राम / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’

Jai Sri Ram kavitabahar

 उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया जन-जन के प्रिय राम / हरिश्चन्द्र त्रिपाठी ‘हरीश’ नित सुबह, दोपहर,शाम,तुम्हें ध्याऊॅ आठों याम।हे जन-जन के प्रिय राम-स्वीकारो मेरा प्रणाम।टेक।…

जीवन भर का संचित धन हिंदी कविता

जीवन भर का संचित धन हिंदी कविता सांध्य परिदर्शन गृह का पृष्ठ भाग उपवन है,तरु, लता, वनस्पति सघन है,मेरी यह दिनचर्या में शामिल,जीवन भर का संचित धन है! प्रातः पांच बजे उठकर जब,इधर उधर नज़रें दौड़ाता,मेरा गांव , वहां का…

रानी दुर्गावती पर कविता

रानी दुर्गावती पर कविता- भारत में जब भी महिलाओं के सशक्तिकरण की बात होती है तो महान वीरांगना रानी दुर्गावती की चर्चा ज़रूर होती है। रानी रानी दुर्गावती न सिर्फ़ एक महान नाम है बल्कि वह एक आदर्श हैं उन सभी महिलाओं…