भाईचारा

द्वेष दम्भ भूलकर अपनाएँ भाईचारा । होगा खुशहाल तभी ये देश हमारा। विश्वास की गहरी नींव बनाकर, चलो कटुता मन की काटे। न बने किसी के दुख की वजह फूल खुशियों के बाँटें। हमारी संस्कृति यही सिखाती पूरा विश्व है…

परीक्षा पर कविता (poem on exam in hindi)

exam time

यहाँ पर परीक्षा पर कविता (poem on exam in hindi) का संकलन किया है जहाँ पर कवि यह बताने की कोशिश की हैं कि इस जीवन में हर रोज परीक्षा होती है. हर रोज परीक्षा होती है जीवन है संघर्ष…

भगत सिंह की फांसी से 12 घंटे पहले की कहानी

लाहौर सेंट्रल जेल 23 मार्च 1931 हुआ सवेरा एक नई बहार आई तूफान से मिलने देखो आंधी भी आई कैदियों को अजीब लगा जब चरत ने आकर उनसे कहा सभी को अपनी कोठरी में अभी के अभी जाना है ऊपर…

उपमेंद्र सक्सेना – मुहावरों पर कविता

उपमेंद्र सक्सेना – मुहावरों पर कविता नैतिकता का ओढ़ लबादा, लोग यहाँ तिलमिला रहे हैं और ऊँट के मुँह में जीरा, जाने कब से खिला रहे हैं। आज कागजी घोड़े दौड़े, कागज का वे पेट भरेंगेजो लिख दें वे वही…

लोक गीत -उपमेंद्र सक्सेना

लोक गीत -उपमेंद्र सक्सेना जाकी लाठी भैंस बाइकी, बाकौ कौन नाय अबु जनि हैकमजोरन की लुगाइनन कौ,दइयर तौ भौजाई मनि है। ब्याहु पड़ौसी को होबन कौ, बाके घरि आए गौंतरियापपुआ ने तौ उनमैं देखी, गौंतर खाउत एक बहुरियाबाके पीछे बौ…

बाल कविता – भ्रमण

बाल कविता – भ्रमण सुबह भ्रमण को हम जाएं ।ठंडी – ठंडी हवा में नहाएं ।। वो देखो-देखो कौन आए ।बन्दरों की फौज शोर मचाए।। नाच रहे ठुमक-ठुमक कर मोर ।भ्रमण-पथ पर ये दृश्य मन भाए।। नन्हीं चिड़ियों के मधुर…

लोकन बुढ़िया-नरेंद्र कुमार कुलमित्र

लोकन बुढ़िया स्कूल कैंपस के ठीक सामनेबरगद के नीचेनीचट मैली सूती साड़ी पहनीमुर्रा ज्वार जोंधरी के लाड़ूऔर मौसमी फल इमली बिही बेर बेचतीवह लोकन बुढ़ियाआज भी याद है मुझे उस अकेली बुढ़िया कोस्कूल के हम सब बच्चे जानते थेमगर आश्चर्य…

वीर नारायण सिंह माटी के शान

वीर नारायण सिंह माटी के शान देस बर अजादी, नइ रिहिस असान ।वीरमन लड़ीन अउ, हाेगिन बलिदान ।सबोदिन हे अगुआ म छत्तीसगढ़िया ।वीर नारायण सिंह ह, इ माटी के शान। इक बेला राज म, महा दुकाल छाइस।दुख पीरा घेरिस अउ…

शाश्वत अनुष्टुप्छन्द में कविता

मैं दिलवर दीवाना हर जनम का प्रिये ।भाये तेरे बिना कोई कभी हो सकता नहीं ।। दीवाने सब हैं मस्त धन दौलत लिए हुए ।अपनी तो फकीरी से यारी है निभा रहे ।। पद लोलुपता तेरी मौलिकता उड़ा गई ।पतनोन्मुख…

आजादी के अलख जगैय्या

आजादी के अलख जगैय्या वीर नारायण तोर जीनगी के एके ठन अधार।सादा जीवन जीबो अउ बढ़िया रखबो विचार।हक के बात आही त, नई झुकन गा बिंझवारअंग्रेज ला चुनौती देबो, मचा देबो हाहाकार। सोनाखान मा जनम लिस, रामराय परिवार।जेकर पूर्वज रिहीन…

दूध पर कविता

मेरे स्कूल का दूध (एक घटना) दुःख ही जीवन की कथा रही यह सदा कष्ट की व्यथा रही। कब तक कोई लड़ सकता है! कब तक कष्टें सह सकता है हो सहनशक्ति जब पीर परे है कौन धीर धर सकता…

ग़ज़ल -विनोद सिल्ला

ग़ज़ल -विनोद सिल्ला कैसी-कैसी हसरत पाले बैठे हैं।गिद्ध नजर जो हम पर डाले बैठे हैं।। इधर कमाने वाले खप-खप मरते हैं,पैसे वाले देखो ठाले बैठे हैं।। खून-पसीना खूब बहाते देखे जो,उनसे देखो छीन निवाले बैठे हैं।। नफरत करने वाले दोनों…