इसरो चन्द्रयान पर कविता

इसरो चन्द्रयान पर कविता : भारत की चन्द्रक्रान्ति में इसरो के अंतरिक्ष में बढ़ते कदमों पर हर इसरोजन को नमन और एक भारतीय के रूप में गौरव के पल है…
किसान खेत जोतते हुए

सावन पर कविता

सावन पर कविता सावन-सुरंगासावन मास (चौपाई छंद) सावन-सुरंगा सरस-सपन-सावन सरसाया ।तन-मन उमंग और आनंद छाया ।'अवनि ' ने ओढ़ी हरियाली ,'नभ' रिमझिम वर्षा ले आया । पुरवाई की शीतल ठंडक…

निर्लज्ज कामदेव

निर्लज्ज कामदेव   ओ निर्लज्ज कामदेवतू न अवसर देखता है,न परिस्थितियाँन जाति देखता है, न आयुन सामाजिक स्तरयहाँ तक कि, कभी कभीतो रिश्ता भी नहीं देखतादेशों की सीमाएं ,तेरे लियेकोई मायने…
हाइकु

सुधा राठौर जी के हाइकु

सुधा राठौर जी के हाइकु छलक गयापूरबी के हाथों सेकनक घट★बहने लगींसुनहरी रश्मियाँविहान-पथ★चुग रहे हैंहवाओं के पखेरूधूप की उष्मा★झूलने लगींशाख़ों के झूलों परस्वर्ण किरणें★नभ में गूँजेपखेरुओं के स्वरप्रभात गान सुधा…
हाइकु

निमाई प्रधान’क्षितिज’ के हाइकु

निमाई प्रधान'क्षितिज' के हाइकु *[1]* *हे रघुवीर!**मन में रावण है* *करो संहार ।* *[2]**सदियाँ बीतीं* *वहीं की वहीं टिकीं* *विद्रूपताएँ ।* *[3]**जाति-जंजाल**पैठा अंदर तक**करो विमर्श ।* *[4]**दुःखी किसान* *सूखे खेत…

कुछ चिन्ह छोड़ दें -गीता द्विवेदी

कुछ चिन्ह छोड़ दें -गीता द्विवेदी मृत्यु आती है ,सदियों से अकेले ही ,बार - बार , हजार बारलाखों , करोड़ों , अरबों बार ।पर अकेले जाती नहीं ,ले जाती…

ये उन्मुक्त विचार -पुष्पा शर्मा”कुसुम”

ये उन्मुक्त विचार -पुष्पा शर्मा"कुसुम" नील गगन  के विस्तार सेपंछी के फड़फड़ाते पंख से,उड़ रहे, पवन के संग ये उन्मुक्त विचार । पूर्ण चन्द्र के आकर्षण सेबढते उदधि में ज्वार…

तृष्णा पर कविता

तृष्णा पर कविता तृष्णा कुछ पाने कीप्रबल ईच्छा हैशब्द बहुत छोटा  हैपर विस्तार  गगन सा है।अनन्त नहीं मिलता छोर जिसकाशरीर निर्वाह की होतीआवश्यकतापूरी होती है। किसी की सरलकिसी  की कठिनईच्छा …