वसंत ऋतु पर छोटी सी कविता (short poem on spring)

वसंत भारतीय वसंत को दर्शाता है, और ऋतु का मौसम है। वसंत ऋतु के मुख्य त्योहारों में से एक वसंत पंचमी (संस्कृत: वसन्त पञ्चमी) को मनाया जाता है, जो भारतीय समाज में एक सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहार है, जिसे वसंत के पहले…

महाशिवरात्रि पर कविता – उपमेंद्र सक्सेना

महाशिवरात्रि पर कविता – उपमेंद्र सक्सेना बने आप भोले जहर पी लिया सब, लगें आप हमको सब से ही न्यारेनिवेदन करें हम महादेव प्यारे, न डूबें कभी भी हमारे सितारे। बजे हर तरफ आपका खूब डंका, न होती किसी को…

कबाड़ पर कविता -उपमेंद्र सक्सेना

कबाड़ पर कविता -उपमेंद्र सक्सेना सब हुआ कबाड़ था,भाग्य में पछाड़ थारास्ता उजाड़ था, सामने पहाड़ था। छल- कपट हुआ यहाँ, सो गए सभी सपनकर दिया गया दहन, मिल सका नहीं कफ़नपास के बबूल ने ,दी जिसे बहुत चुभनबेबसी दिखा…

बनारस पर कविता – आशीष कुमार

बनारस पर कविता – आशीष कुमार जब आँख खुले तो हो सुबह बनारसजहाँ नजर पड़े वो हो जगह बनारसरंग जाता हूँ खुशी खुशी इसके रंग में मैंझूम कर दिल कहता मेरा अहा बनारस सबके सपने देता है सजा बनारसदिल को…

इश्क पर कविता -सुशी सक्सेना

इश्क पर कविता -सुशी सक्सेना इश्क के आगे कलियों की तरूणाई फीकी है।इश्क में तो हर इक शय जी लेती है।इश्क से आसमां की ऊंचाई झुक जाती है।इश्क में नदियों की लहराई भी रुक जाती है।इश्क से सागर भी कम…

प्रेम पर कविता – विनोद सिल्ला

प्रेम पर कविता -विनोद सिल्ला गहरा सागर प्रेम का, लाओ गोते खूब।तैरोगे तो भी सही, निश्चित जाना डूब।। भीनी खुशबू प्रेम की, महकाए संसार। पैर जमीं पर कब लगें, करे प्रेम लाचार।। पावन धारा प्रेम की, बहे हृदय के बीच।मन…

लक्ष्य पर ग़ज़ल – सुशी सक्सेना

कांटों भरा हो या फूलों भरा, जारी ये सफ़र रखना,कदम जमीं पर हो, मगर आसमां पर नजर रखना। मुश्किलों भरीं हैं, ये राहें जिंदगी की, ऐ साहिबचैन न मिले तो उलझनों में ही हंसी बसर रखना। खोने न देना होश,…

लगी आग सरहद पर,कैसे राग बसंती गाऊँ मैं

सीमा रक्षा करते,उनको झुककर शीश नवाऊँ। लगी आग सरहद पर,कैसे राग बसंती गाऊँ। जान हथेली पर रख, सैनिक सीमा पर डटे हुए। मातृ भूमि रक्षा में,वो सब अपनों से दूर हुए।। मेरी भी इच्छा है,दुश्मन से मैं भी लड़ जाऊँ।…

माटी की शान वीर नारायण सिंह पर

भारत को आजादी पाना इतना नहीं था आसान ।वीरों ने संघर्ष किया और किया अपना बलिदान ।अग्रगण्य हैं उनमें सदा छत्तीसगढ़ के वीर महान।शहीद वीर नारायण सिंह बने इस माटी की शान। भुखमरी का शिकार हो रहे थे ,हमारे प्रांतवासी।कोई…

संत गाडगे पर कविता

संत गाडगे को जाना है==================दीन दुखियों को गले लगाकर,जिसने अपना माना है ।मानव सेवा बन मसीहा ,संत गाडगे को जाना है । फूले बुद्ध कबीर जी का,ज्ञान सदा जो पढ़ता है ।निर्गुण भक्ति की धारा में ,नित आगे ही बढ़ता…

बाबा गाडगे का जीवन – मनीभाई नवरत्न

बाबा गाडगे का जीवन धन दौलत चाहे रुपया पैसाभौतिक संपदा हो भरपूर।जनसेवा में लगा दो मनुवादान करो, बनके सच्चे सूर। देखो,बाबा गाडगे का जीवनभीख मांगा पर किया समर्पणदिया सर्वस्व लोक सेवा हेतुजो भी रहा अपना अर्जन ।। नहीं बनवाई अपनी…

सादा जीवन पर कविता -मनीभाई नवरत्न

सादा जीवन पर कविता –मनीभाई नवरत्न एक ओर रंगशालादूसरी ओर रंग सादा।कोई टक्कर नहीं जिनके बीचकौन सुरमा है ज्यादा?वैसे ख्याति विविध रंगों की हैहरा लाल पीला नीलाये ना होते तोकहने वाले राय मेंदुनिया बेरंग होती ।पर जरा सोचो तोरंगों की…