स्वीकारो प्रणाम माँ नर्मदे
प्रणाम है अहो प्रणाम , जयति माँ नर्मदे ।
पतित पावनी अभिराम , जयति माँ नर्मदे ।।
हे कलि कलुष निवारिणी , जयति माँ नर्मदे ।
अखण्डित तपश्चारिणी , जयति माँ नर्मदे ।।
मेकल सुता सिद्धिप्रदा , तुमको प्रणाम है ।
दीनों पर करती कृपा , तुमको प्रणाम है ।।
सप्तमी मकर दिवाकर , तुम अवतार धरे ।
अमरकंठ उद्गगम वर , जन उपकार करे ।।
समोद्भवा भव मोचिनी , हे जटा शंकरी ।
प्रिय लचक चाल सर्पिणी , महारस मंजरी ।।
कलि मल हरणी नर्मदे , हे भवानी महा ।
श्रुति वेद नमत सर्वदे , हे भवानी महा ।।
~ रामनाथ साहू ” ननकी “
मुरलीडीह ( छ. ग. )
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद