पिया जी देखो वसंत आ गया
पिया जी देखो वसंत आ गया पेड़ो के झुरमुट से आतीकोयल की मीठी बोलीफूलों की हर कली पर देखोमतवाले भवरों की टोलीआम वृक्ष मंजरी व टिकोरो से लदबद गया ।पिया जी देखो वसंत आ गया ।। बेल वृक्ष पर आये…
पिया जी देखो वसंत आ गया पेड़ो के झुरमुट से आतीकोयल की मीठी बोलीफूलों की हर कली पर देखोमतवाले भवरों की टोलीआम वृक्ष मंजरी व टिकोरो से लदबद गया ।पिया जी देखो वसंत आ गया ।। बेल वृक्ष पर आये…
एक कविता हूँ! उंगलियों में कलम थामेसोचता हूँ…कि कहींहै वह ध्वनिजो उसे ध्वनित करे…!मैं अंतरिक्ष में तैरता..कल्पनाओं मेंछांटता हूँशब्दमीठे -मीठेकोई शब्द मिलता नहीं मुझेजो इंगित करे उसेबस….उंगलियों से ही उसे –उकेरता हूँ …मिटाता हूँ ।उंगलियों में कलम थामे…मैं सोचता हूँ…
विश्वास टूटने पर कविता खण्डित जब से विश्वास हुआ है , मनवा सिहर गया है।जीना दूभर लगता जाने क्या क्या गुज़र गया है।तिनका तिनका जोड़ घरौंदा मिल जुल सकल बनाया।ख्वाबों ,अरमानों ने मिल के पूरा महल सजाया ।वज्रपात जब हुआ …
मधुमासी चौपाइयाँ शरद शिशिर ऋतु कब के बीते, हाथ प्रकृति के रहे न रीते।दिनकर चले मकर के आगे, ठंडक सूर्य ताप से भागे।1बासंती मधुमास महीना, सर्व सुगन्धित भीना- भीना।घिरा कुहासा झीना-झीना, धरा सजी ज्यों एक नगीना।2कलियों पर हैं भ्रमर घूमते,…
बेचकर देखों मुझे जरा पूछने से पहले जवाब बना लिये।यार सवाल तो गजब़ बना लिये। किसी ने पूछा ही नहीं मैं जिंदा हूँ,मगर तुम हसीन ख्वाब बना लिये। और और,और कहते रहे गम को,लो आशुओं का हिसाब बना लिये। मेरी…