विश्वास टूटने पर कविता

विश्वास टूटने पर कविता खण्डित जब से विश्वास हुआ है ,                     मनवा सिहर गया है।जीना         दूभर     लगता    जाने                 क्या क्या गुज़र गया है।तिनका तिनका    जोड़   घरौंदा              मिल जुल सकल बनाया।ख्वाबों ,अरमानों   ने    मिल के             पूरा         महल   सजाया ।वज्रपात जब हुआ   नियति   का            जीवन बिखर गया    है ।जीना दूभर  लगता  ,        जाने           क्या क्या गुज़र गया   … Read more

मधुमासी चौपाइयाँ

मधुमासी चौपाइयाँ शरद शिशिर ऋतु कब के बीते, हाथ प्रकृति के रहे न रीते।दिनकर चले मकर के आगे, ठंडक सूर्य ताप से भागे।1बासंती मधुमास महीना, सर्व सुगन्धित भीना- भीना।घिरा कुहासा झीना-झीना, धरा सजी ज्यों एक नगीना।2कलियों पर हैं भ्रमर घूमते, ऋतु बसंत को सभी पूजते।मादकता वन उपवन छाई, आतुरता हर हृदय समाई।3नये पात आये तरुओं … Read more

बेचकर देखों मुझे जरा

बेचकर देखों मुझे जरा पूछने से पहले जवाब बना लिये।यार  सवाल तो गजब़ बना लिये। किसी ने पूछा ही नहीं मैं जिंदा हूँ,मगर तुम हसीन ख्वाब बना लिये। और और,और कहते रहे गम को,लो आशुओं का हिसाब बना लिये। मेरी मिलकियत न रहीं वजूद मेरा,समाज से कहों कसाब बना लिये। सौ-सौ सवाल गोजे पे रसीद … Read more

नाराच ( पंच चामर ) छंद

नाराच ( पंच चामर ) छंद  :       24 मात्रा,   ज र ज र ज गुरु । महान  देश  की  ध्वजा  पुनीत  राष्ट्र  गान  है ।उठे  सदा  झुके  नहीं  अतीत  गर्व  प्राण   है ।।खड़े   रहे  डटे   रहे   मिसाल   दे  जवान  है ।अनंत  कर्मयोग  को  सिखा  रहा  किसान है ।।दिशा  सभी  पुकारते  निशा  प्रभा  बिखेरती ।सनेह   … Read more

मन में जो तू ठान ले /  रामनाथ साहू  ” ननकी “

doha sangrah

मन में जो तू ठान ले /  रामनाथ साहू  ” ननकी “ मन में जो तू ठान ले ,कुछ भी करले मीत ।हौसला  गिराना नहीं , होगी निश्चित जीत ।।चरण  स्पर्श है बंदगी , कृपा  करे  सब  संत ।मन के कल्मष मेट दे, करे सकल दुख अंत ।।लोगों यह तन कुंभ है ,भरा हुआ  जल … Read more