राष्ट्रवाद पर कविता

राष्ट्रवाद पर कविता बाँध पाया कौन अब तक सिंधु के उद्गार को।अब न बैरी सह सकेगा सैन्य शक्ति प्रहार को।1तोड़ डालें सर्व बंधन जब करे गुस्ताखियाँ।झेल पायेगा पड़ोसी शूरता के ज्वार को।2कांपता अंतःकरण से यद्यपि बघारे शेखियाँ।छोड़ रण को भागने…

बसंत  की  बहार में

बसंत  की  बहार में बसंत दूत कोकिला, विनीत मिष्ठ बोलती।बखान रीत गीत से, बसंत गात  डोलती। बसंत  की  बहार में, उमा महेश साथ  में।बजाय कान्ह बाँसुरी,विशेष चाल हाथ में। दिनेश  छाँव  ढूँढते , सुरेश  स्वर्ग  वासते।सुरंग  पेड़  धारते, प्रसून  काम   …

अभयदान

अभयदान शांति कपोत,लहूलुहान।वो जलायेंगे,खलिहान।युद्ध व्यापार,आलीशान।मानवता झेलती,घमासान।दानवता करे,अभिमान।सभ्यता विलोपन,अभियान।कैसे मिलेगा,अभयदान???भावुककविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद Post Views: 41

वो स्काउट कैम्प है मेरा

वो स्काउट कैम्प है मेरा जहाँ प्रकृति की सुंदर गोदी में स्काउट करता है बसेरावो स्काउट कैम्प है मेराजहाँ सत्य सेवा और निष्ठा का हर पल लगता है फेरावो स्काउट कैम्प है मेरायह धरती जहाँं रोज फहरता,नीला झण्डा हमाराजहाँ जंगल…

बुढ़ापे से लाभ

बुढ़ापे से लाभ जब मिले बुढ़ापा , खो मत आपा ,ईश्वर  को  धन्यवाद  दे ।उसकी है  करुणा , आया पहुना ,            प्रसन्नता  का  प्रसाद  दे ।।सूक्ष्म  है   संदेश ,  श्वेत  ये  केश ,             पवित्रता  का  पालन  हो ।इंद्रिय शिथिल हो, मन  सविकल…