जो भारत विरोधी नारा लगाते

जो भारत विरोधी नारा लगाते “जो भारत विरोधी नारा लगाते”अपनी भारत माता डरी हुई ,वो कुछ भी नही कह पाती है ।अपने कुछ गद्दारों के कारण,मन ही मन वो शर्माती है ।।पाल पोस कर बडा किया,इसकी आँगन मे ही खेले ।वो पिला रही थी दूध जिन्हें,पर निकले वही हैं जहरीले ।।इन्हीं जयचंदों के कारण ,मुगलों … Read more

हकीकत तब पता चलता है

हकीकत तब पता चलता है हकीकत तब पता चलता है                  कौन अपना है ,कौन पराया है ,                                 ये तो वक़्त बताता है ।हकीकत तब पता चलता है जीवन में,                    जब बुरा वक़्त आता है ।।01।।न कोई दोस्त है यहां,                                 ना कोई यार है ।यह दुनियाँ भी यारों ,                       मतलब का संसार है ।।02।।बुरे वक़्त में … Read more

निःशब्द तो नहीं

निःशब्द तो नहीं [१]निःशब्द तो नहीं !किंचित् भी नहीं !!बस…नहीं हैं आजशहद या गुलाबी इत्र मेंडुबोयेसुंदर-सुकोमल-सुगंधित शब्दनहीं हैं आजकर्णप्रिय,रसीले,बांसुरी के तानों संगगुनगुनाते अल्फाज़…सब जल गये !भस्म हो गयेसारे के सारेअंतरिक्ष में विचरतेछंदटूट-फूटकरबिखर गये सारे अलंकारनिस्सार हो गयींसारी व्यंजनाएँलक्षणा भी हो गयीं सारीमहत्त्वहीन..अबबचे हैं तो केवलउबड़-खाबड़कंटकाकीर्णक्षिति पर पांव जमाते……कुछ शब्दजो टटोलते हैंपैरों से अपना ज़मीनपैरों के … Read more

आक्रोश पर कविता

आक्रोश पर कविता                           ये आज्ञा अब है मिली ,खुल के लो प्रतिशोध चुन- चुन के रिपु मारिये, हो गलती  का बोध ।।                           *कोई अब बातें नहीं , करो सिर्फ आघात ।दुष्ट दमन करते चलो , एक बराबर  सात ।।  .                        *जय भारत जय हिंद से , गूँज  उठे  संसार ।माँ भारती तिलक करो , … Read more

जय जय वीणाधारी

जय जय वीणाधारी जय जय वंदन वीणाधारी।सुन लो माता विनय हमारी ।।          सच राह सदा साहस पाऊँ।           नित नित माता के गुण गाऊँ।।मातु ज्ञान की तुम हो सागर।ज्ञान जगत में करो उजागर।।            सदा विराजे माता वाणी।            सब जन पूजे वीणापाणी।।मातु  शारदे  तुम  वरदानी।सब जग पूजे मुनि जन ज्ञानी।।            …….भुवन बिष्ट कविता बहार से जुड़ने … Read more