खामोशी पर कविता

खामोशी पर कविता मैं ,चुप ही रहती हूं ,जाने कबसे ,मुझे पता भी ,नहीं चला ,खामोशी कब,मेरी मीत बन गई,और तुमने समझा,मैं सुधर गई,क्योंकि ,नहीं पूछती देर से आने की वजह ।नहीं कहती क्या अच्छा हैक्या बुरा ?नहीं लाती हल्के…

मेरी मातृभूमि

मेरी मातृभूमि स्वर्ग  से   सुंदर   भू   भारती ।भानु शशि नित्य करे आरती ।।गौरव   गान  श्रुति  वेद करते ।प्रातः नमन ऋषि हृदय भरते ।।उर्वर  भूमि  सजी  इठलाती ।श्रम बिन्दु से प्यास  बुझाती ।।सौंधी  सुगंध  पवन  मचलते ।मंजु मधुक मधु कंठ विहरते…

doha sangrah

नैन पर दोहे

  नैन पर दोहे दुनिया    के   सबसे   बड़े, , जादूगर  ये  नैन।इनके बिन मिलता कहाँ ,भला किसी को चैन?कमल-नयन   श्रीराम  हैं , त्रिलोचन  महादेव।सृजन  प्रलय  के  हेतु   हैं  ,ये  देवों  के  देव।नयन   समंदर   झील हैं   ,नैन  तीर  तलवार।नैन   जिसे  ले  …

लाल तुम कहाँ गये

लाल तुम कहाँ गये * मेरे आँगन  का उजियारा थामाँ बाप के आँख का तारा थासीमा पर तुझको भेजा थापत्थर  का बना  कलेजा थापर मैने यह नहीं   सोचा  था।तू मुझे छोड़  कर जायेगा माँ बाप को  रुलवायेगा ।क्यों पुलवामा  में सो…

हिम्मत न हार

हिम्मत न हार आज  नहीं  तो  ये  कल  होगा ।प्रश्न  यहीं  का   है  हल  होगा ।।जीवन  जीये  जा   मत   रोना ।यार   हताशा   में  मत   होना ।।मान   पहेली   तू   लग   पीछे ।हिम्मत  को बांधो  कस भींचे ।।जीत  चलो  बाजी  उलझा  है…