योग को अपनाना है/ प्रियांशी मिश्रा

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“योग को अपनाना है” यह कविता प्रियांशी मिश्रा द्वारा लिखी गई है। इस कविता में वे योग के महत्व को समझाने और इसे अपने जीवन में शामिल करने के प्रेरणात्मक संदेश को व्यक्त करती हैं। योग को एक उपयुक्त तकनीक मानकर उसके लाभों को साझा किया गया है। योग को अपनाना है/ प्रियांशी मिश्रा योग … Read more

अंतराष्ट्रीय योग दिवस विशेष कविता

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का महत्व व्यापक रूप से माना जाता है, जो हर साल 21 जून को मनाया जाता है। इस दिन कई देशों में योग के महत्व को साझा करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। योग एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है जो शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करता … Read more

करो योग रहो निरोग /बाबूराम सिंह

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करो योग रहो निरोग” एक प्रसिद्ध हिंदी कविता है, जिसे बाबूराम सिंह ने लिखा है। यह कविता योग के महत्व पर आधारित है और योग के लाभों को संदेश में उजागर करती है। इस कविता में योग को जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका देने की प्रेरणा दी गई है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को … Read more

हिंदू दर्शन के षड्दर्शन (छः दर्शन) में से एक है योग

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 योग, हिंदू दर्शन के षड्दर्शन (छः दर्शन) में से एक है। योग का शाब्दिक अर्थ है जोड़ना। शारीरिक व्यायाम ,मुद्रा (आसन) को ध्यान (मन) से जोड़ना है इस हेतु सांस लेने की तकनीक को सीखना होता है. शरीर को आत्मा से जोड़ना है और फिर परमात्मा या प्रकृति या ईश्वर से जुड़ना होता है . हिंदू … Read more