प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन-तबरेज़ अहमद
प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन शज़र के शाखो पर परिंदा डरा डरा सा लगता है।ऐसी भी क्या तरक्की हुई है मेरे मुल्क में।कई शज़र के शाखाओं को काटकर और कई शज़र को उजाड़ कर शहर का शहर बसा लगता है।इन पर्यावरण को उजाड़ कर शहर बसा लगता है।फिर भी कहा दिल लगता है।कभी प्रकृति की … Read more