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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०अदित्य मिश्राके हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

धरती स्वर्ग दिखाई दे

पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बार फिर से पहले की तरह अपनी वसुंधरा पर हरियाली और प्राण वायु के लिए प्रदूषण रोकना होगा ।
आओ मिलकर कसम खाते है कि वृक्षारोपण जरूर करना है।

झुमका : प्यार के प्यार की निशानी

झुमका : प्यार के प्यार की निशानी आज मैंने अपने तोहफे का बॉक्स निकाला,जिसे बड़े सलीके से मैंने संभाल के रखा था,आदत कहूं या तोहफे के प्रति मेरा लगावमैंने अपना हर एक तोहफा संभाल के रखा है बड़े प्यार सेऔर…

हमें जमीं से मत उखाड़ो-अदित्य मिश्रा

हमें जमीं से मत उखाड़ो रो-रोकर पुकार रहा हूं हमें जमीं से मत उखाड़ो।रक्तस्राव से भीग गया हूं मैं कुल्हाड़ी अब मत मारो। आसमां के बादल से पूछो मुझको कैसे पाला है।हर मौसम में सींचा हमको मिट्टी-करकट झाड़ा है। उन…