अपना प्यारा गाँव
अपना प्यारा गाँव मिल जुलकर रहते सब लोग,,सत्य अहिंसा का आज भी प्रयोग,,अब भी बुजुर्गों को ही जानते हैं,,बस उन्हीं का फैसला मानते हैं,,एक दूसरे का साथ निभाते कभी न करते हैं छलाँव।यही है अपना प्यारा गाँव,यही है अपना न्यारा गाँव ।। धान और गेहूँ के लहलहाते पौधे,मिट्टी के अनुपम घरौंदे ,,सरसों के फूल उन्मुक्त … Read more