भगत सिंह की याद में
भगत सिंह की याद में टपक टपक के आंसुओं का दरिया बन गयासितम गम का, समा भी गमगीन हो गया। खामोशी बिखरी ,मुर्दों पर ढकी कफ़न लिएपर कदम ना थके ना हिम्मत हारी वतन के लिए। बढ़ते चले ,इंकलाब कहते चले ,अंग्रेजो की बर्बादी लिएभारत भूमि में जन्मे, भगत सिंह दुश्मनों से हमें बचाने के … Read more