मौत का कुछ तो इंतज़ाम करें

मौत का कुछ तो इंतज़ाम करें मौत का कुछ तो इंतज़ाम करें,नेकियाँ थोड़ी अपने नाम करें।कुछ सलीका दिखा मिलें पहले,बात लोगों से फिर तमाम करें।सर पे औलाद को न इतना चढ़ा,खाना पीना तलक हराम करें।दिल में सच्ची रखें मुहब्बत जो,महफिलों में न इश्क़ आम करें।वक़्त फिर लौट के न आये कभी,चाहे जितना भी ताम झाम … Read more

सद्गुरु-महिमा न्यारी जग का भेद खोल दे

सद्गुरु-महिमा न्यारी सद्गुरु-महिमा न्यारी, जग का भेद खोल दे।वाणी है इतनी प्यारी, कानों में रस घोल दे।।गुरु से प्राप्त की शिक्षा, संशय दूर भागते।पाये जो गुरु से दीक्षा, उसके भाग्य जागते।।गुरु-चरण को धोके, करो रोज उपासना।ध्यान में उनके खोकेेे, त्यागो समस्त वासना।।गुरु-द्रोही नहीं होना, गुरु आज्ञा न टालना।गुरु-विश्वास का खोना, जग-सन्ताप पालना।।गुरु की गरिमा भारी, … Read more

बसन्त और पलाश

बसन्त और पलाश दहके झूम पलाश सब, रतनारे हों आज।मानो खेलन फाग को, आया है ऋतुराज।आया है ऋतुराज, चाव में मोद मनाता।संग खेलने फाग, वधू सी प्रकृति सजाता।लता वृक्ष सब आज, नये पल्लव पा महके।लख बसन्त का साज, हृदय रसिकों के दहके।।शाखा सब कचनार की, लगती कंटक जाल।फागुन की मनुहार में, हुई फूल के लाल।हुई … Read more

बना है बोझ ये जीवन कदम

बना है बोझ ये जीवन कदम (मुज़तस मुसम्मन मखबून)बना है बोझ ये जीवन कदम थमे थमे से हैं,कमर दी तोड़ गरीबी बदन झुके झुके से हैं।लिखा न एक निवाला नसीब हाय ये कैसा,सहन ये भूख न होती उदर दबे दबे से हैं।पड़े दिखाई नहीं अब कहीं भी आस की किरणें,गगन में आँख गड़ाए नयन थके … Read more

जल संकट पर कविता

जल संकट पर कविता

विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है। जल संकट पर कविता पानी मत बर्बाद कर ,          बूँद – बूँद अनमोल |प्यासे ही जो मर गये … Read more