राधा पुकारे तोहे श्याम- केवरा यदु मीरा की भजन
जिसका प्रकार भक्तिकाल में मीरा अपने श्रीकृष्ण के भक्ति में रंग गई थी, वैसे ही आज राजिम की कवयित्री केवरा यदु मीरा अपने श्याम के रंग में रंगकर अपना भजन लिखी जा रही है. उनके भजन संग्रह में से
भाद्रपद कृष्ण श्रीकृष्ण जन्माष्टमी : कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे केवल जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो विष्णुजी के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म का जश्न मनाता है। यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) के आठवें दिन (अष्टमी) को भाद्रपद में मनाया जाता है ।
जिसका प्रकार भक्तिकाल में मीरा अपने श्रीकृष्ण के भक्ति में रंग गई थी, वैसे ही आज राजिम की कवयित्री केवरा यदु मीरा अपने श्याम के रंग में रंगकर अपना भजन लिखी जा रही है. उनके भजन संग्रह में से
श्रीकृष्ण पर कविता – रेखराम साहू महाव्याधि है मानवता पर, धरा-धेनु गुहराते हैं।आरत भारत के जन-गण,हे कान्हा! टेरते लगाते हैं।। चित्त भ्रमित संकीर्ण हुआ है,हृदय हताहत जीर्ण हुआ है।धर्मभूमि च्युतधर्म-कर्म क्यों,अघ अधर्म अवतीर्ण हुआ है ।।संस्कृति के शुभ सुमन सुगंधित शोकाकुल झर जताते हैं।महाव्याधि मानवता पर है,धरा- धेनु गुहराते हैं।। काल,काल-कटु कंस हुआ है,तम-त्रिशूल विध्वंस … Read more
श्रीकृष्ण पर दोहे सुभग सलोने सांवरेनटवर दीन दयालनिरख मनोहर श्याम छविनैना हुए निहाल छवि मोहन की माधुरीनैना लीन्ह बसायजित देखों वो ही दिखेऔर ना कछु लखाय गावत गुण गोपाल केदही मथानी हाथब्रज जीवन निर्भय भयोश्याम तुम्हारे साथ पुष्पा शर्मा “कुसुम”
शोकहर/सुभांगी छंद में कविता ~ *शोकहर/सुभांगी छंद* ~ *विधान- 8,8,8,6* *तुकांत- पहली दूसरी यति अंत तुकांत* *चरण- चार चरण सम तुकांत* नंद दुलारे जन जन प्यारे, हे गोपाला, ध्यान धरो। हे कमलनयन हे मनमोहन नाथ द्वारिका कृपा करो। अजया अच्युत अनया अदभुत लाल यशोदा कष्ट हरो। हे ज्ञानेश्वर हे मुरलीधर पार्थसारथी राह वरो। हेआदिदेव देवाधिदेव … Read more
जन्माष्टमी पर दोहे भादौ मास अष्ठम तिथि , प्रकटे कृष्ण मुरार।प्रहरी सब अचेत हुए , जेल गये खुल द्वार।।1 जमुना जी उफान करे, पैर छुआ कर शान्त।वासुदेव धर टोकरी , नन्द राज के कान्त।।2 कंस बङा व्याकुल हुआ,ढूढे अष्ठम बाल।नगर गांव सब ढूंढकर ,मारे अनेक लाल।।3 मधुर मुरलिया जब बजी,रीझ गये सब ग्वाल।नट नागर नटखट … Read more