अच्छे गुरु की पहचान हो -डीजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे भारत जैसे महान् राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। उनका जन्म दिवस ही शिक्षक दिवस के रूप … Read more

मेहनत पर विश्वास कर- डीजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”

मेहनत पर विश्वास कर               (1)आंख मूंद कर विश्वास न कर ,जज्बात में आकर विश्वास न कर।कुछ ठोस सबूत तो जान ले,सच्चे इंसान को पहचान कर।               (2)कोई धोखा दे तो उसे माफ कर,फिर उस पर  विश्वास न कर।आए कठिनाइयों को संघर्ष कर,अपनी … Read more

मै भी एक पेड़ हूं मत काटो

मै भी एक पेड़ हूं मत काटो   (१)गली गली में मै हूं, छाया तुम्हे देता हूं।खेतों की पार में हूं, वर्षा भी कराता हूं।शीतल हवा देता हूं ,चुपचाप मै रहता हूं।देखो भाई मत काटो,मै भी एक पेड़ हूं।।                  (2)मीठा फल देता हूं , खट्टा फल देता … Read more

कब कैसे क्या बोले ?

कब कैसे क्या बोले ? वाणी एक दुधारू तलवार की तरह है।उचित प्रयोग करे तो अच्छा,नहीं तो बुरा।अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।ज्ञान की बात को सहेजकर रखते है।कब कैसे क्या बोले पता नहीं।जुबान फिसली तो रुका नहीं।मन को शांति बनाकर रखिए।होठों से मुस्कान प्रेम से बोलिए।छोटी सी जीभ,बड़े बड़े कहर ढा दे।लड़ाई झगड़े छोड़के, … Read more

हां मै कवि हूं

हां मै कवि हूं  जीने की राह दिखाता हूं।अपनी लेख से,लोगो को जगाता हूं।हा मै कवि हूं………रूठे मन को मनाता हूं।हास्य कविता लिखकरआम जनों को हसाता हूं।हां मै कवि हूं………कभी प्रकृति सौंदर्य।कभी श्रृंगार रस पर,नारी का वर्णन करता हूं।हां मै कवि हूं………अदम्य पराक्रम ।साहसी वीरता पर,सैनिकों की गाथा लिखता हूं।हां मै कवि हूं………रंग बिरंगी होली … Read more