कोरोना से युद्ध पर कविता

कोरोना से युद्ध पर कविता

  1.  

कोरोना से युद्ध
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उनकी खातिर प्रार्थना,
मिलकर करना आज।
जो जनसेवा कर रहे,
भूल सभी निज काज।
भूल सभी निज काज,
प्राण जोखिम में डाले।
कोरोना से युद्ध ,
चले करने दिलवाले।
कह डिजेन्द्र करजोरि,
सुनो उनके भी मन की।
बस सेवा का भाव,
हृदय में बसती उनकी।।
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डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना,बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो. 8120587822

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जगत नाथ जगदीश पर दोहा

जगत नाथ जगदीश पर दोहा

  1. दोहा – जगत नाथ जगदीश है
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    (१)
    जगत नाथ जगदीश है,जग के पालनहार।
    जन्म लिए संसार में,हरने को भू – भार।।

                        (२)
    हृदय लगाकर पूजना,करके पावन कर्म।
    देवों का आशीष पा,सदा निभाना धर्म।।

    (३)
    मानव जीवन सार है,सब जन्मों में श्रेष्ठ।
    जिसकी जैसी भावना,पाता वहीं यथेष्ठ।।

    (४)
    शांत रहे जो निज हृदय,तब सुख का भंडार।
    जब पूजों भगवान को,चलकर आता द्वार।।

                       (५)
    पूर्ण हुई इच्छा सभी,आ जगदीश्वर धाम ।
    रहते हैं अब ध्यान में,प्रभुवर आठोंयाम।।

    ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
    रचनाकार डीजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
    पिपरभवना,बलौदाबाजार (छ.ग.)
    मो. 8120587822

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जीत का विश्वास पर कविता

जीत का विश्वास पर कविता संघर्ष से भरा जीवन,अग्रसर सतत होना।काँटो पर भी चलकर,हँसकर पल बिताना। मुश्किल समझे दुनिया,उसको जोश दिखा जाना।हर लक्ष्य को प्राप्त कर,राहों पर चलते जाना। चिंता मन से हटाकर,आशा की किरण जगाना।उत्साह भर ले मन में ,जीत का विश्वास दिलाना।~~~~~~~~~~~~~~~~डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”पीपरभावना (छत्तीसगढ़)मो. 8120587822

शिक्षक पर कविता

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे भारत जैसे महान् राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। उनका जन्म दिवस ही शिक्षक दिवस के रूप … Read more

नित्य करूँ मैं वंदना

नित्य करूँ मैं वंदना नित्य करूँ मैं वंदना,गुरुवर को कर जोर।पाऊँ चरणों में जगह ,होकर भाव विभोर।। मात-पिता भगवान हैं,करना वंदन रोज।इन देवों को छोड़कर,करते हो क्या खोज? जिनके आशीर्वाद से ,हुआ सफल हर काम।करता हूँ नित वंदना,मात-पिता के नाम।। धरती माँ की वंदना,यह ही जग में सार।सबको समान जानकर,करती हैं उपकार।। प्रेम भाव से … Read more