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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०दूजराम साहू के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

गणेश वंदना -दूजराम साहू

गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से…

जिंदगी पर हरिगितिका छंद

Submit : 16 Sep 2022, 10:56 AMEmail : doojramsahu0@gmail.com ये जिंदगी फोकट गवाँ झन , बिरथा नहीं जान दे ।आँखी अभी मा खोल तयँ हा, आघू डहर ध्यान दे ।तन फूलका पानी सही हे , बनय हाड़ा माँस के ।अनमोल…

दूजराम साहू के छत्तीसगढ़ी कविता

दूजराम साहू के छत्तीसगढ़ी कविता मोर गांव मे नवा बिहान झिटका कुरिया अब नंदावत हे,सब पक्की मकान बनावत हे ,खोर गली  सी सी अभियान आगे ,अब मोर गांव मे  नवा बिहान आगे।खाए बर अन ,तन बर कपड़ा ,खाए  पीये के…

नश्वर काया – दूजराम साहू अनन्य

नश्वर काया – दूजराम साहू “अनन्य “ कर स्नान सज संवरकर ,पीहर को निकलते देखा । नूतन वसन किये धारण ,सुमन सना महकते देखा ।कुमकुम चंदन अबीर लगा ,कांधो पर चढ़ते देखा । कम नहीं सोहरत खजाना ,पर खाली हाथ…

मोर छत्तीसगढ़ महतारी

मोर छत्तीसगढ़ महतारी मोर छत्तीसगढ़ महतारी,तोर अलग हे चिनहारी!देवता धामी ऋषि मुनि मन,तप करीन इहाँ भारी!! आनी बानी के रतन भरे हे ,इहाँ के पावन माटी म !मया पिरती बढ़त रहिथे ,गिल्ली डंडा अऊ बांटी म !!नांगमुरी करधनिया संग म ,दाई गोड़ म…

सखी रे तीज पर्व आया है( दूजराम साहू)

सखी रे तीज पर्व आया है सखी रे तीज पर्व आया है,भाई उपहार लाया है !गुँज रहीं सारी गलियाँ,बचपन याद आया है !! बरसों बाद मिलीं सखियाँ ,पुरानी बातें याद आयी !हँसी – ठिठोली कर रही है,देखों फिर बचपन आया…

नन्ही कदमों पर कविता

नन्ही कदमों पर कविता नन्ही कदमों से कोसों चलेमाँ की आंचल पकड़े -पकड़े !और कितनी दूर जाना है माँकुछ चलकर हो जाते खड़े !! माँ बोली थोड़ी दूर और ..बेटा हमको चलना है !एक बार पहुँच गये तोफिर वही पर…

कोरोना पर कविता “खट्टी-मीटी “

कोरोना पर कविता छीन लिया तूनें रोजी रोटी , सुख-चैन भी छीन लिया ! छीन लिया आँखों की नींद ,भोजन-भजन भी छीन लिया !! बम से भी खतरनाक है तू , तोप तलवार में ऐसा क्षमता नहीं ! कौनसी शक्ति…

कोरोना में दीप जलाये फिर से यार

कोरोना में दीप जलाये फिर से यार चलो दीप जलाए फिर से यारकी जगमग दीप जलेकोरोना दूर भगाओ घर से यारकी जगमग द्वार करें…… 5 अप्रैल दिन रविवाररात 9 बजे सब दीप जलाए9 मिनट बीजली बुझाओ मेरे यारकि जगमग दीप…

संस्कृति पर कविता

संस्कृति पर कविता अपनी संस्कृति अपनाओ,अपना अभिवादन अपनाओ!जब भी मिले दूसरो से ,हाथ जोड़ मुस्कुराओ !!हाथ जोड़ मुस्कुराओ,कोरोना दूर भगाओ!हाथ धोये साबुन सेथोड़ा न घबराओ !!कहे दूजराम पुकार के ,सावधानी अपनाओ!खांसते मास्क लगाओकोरोना दूर भगाओ !! दूजराम साहूनिवास -भरदाकलातहसील -खैरागढ़जिला-…