बसंत तुम आए क्यों
बसंत तुम आए क्यों ? मन में प्रेम जगाये क्यों?बसंत तुम आए क्यों ? सुगंधो से भरीसभी आम्र मंजरीकोयल कूकती फिरेइत्ती है बावरीसबके ह्रदय में हूक उठाने मन में प्रेम जगाये क्यों?बसंत तुम आए क्यों ? हरी पत्तियाँ बनी तरुणीआलिंगन करती लताओं काअनुरागी बन भंवरकलियों से जा मिलासकुचाती हैं हवाएँदिलों को एहसास दिलाने मन में … Read more