केवरा यदु “मीरा ” के अपने श्याम के दोहे

श्याम के दोहे पागल मनवा ढूँढता, कहाँ मेरा चितचोर ।मन-मंदिर से झाँकता,मैं बैठा इस ओर।। पागल फिरता है कहाँ, जीवन है दिन चार ।वाणी में रस घोलिये,सदा सत्य व्यवहार।। पागल कहते लोग है,लगी श्याम से प्रीत ।नहीं मुझे परवाह है,गाऊँ उनके गीत ।। जब से देखा श्याम को,पगली सी है हाल।जादू तिरछी नजर का,जग माया … Read more

नव युग का संदेश सुन, मान जरा इंसान

नव युग का संदेश नव युग का संदेश सुन, मान जरा इंसान ।जैसा जो करता यहाँ, फल देता भगवान ।।अभी वक्त है जाग जा,करले सबसे प्यार ।दो दिन की है जिन्दगी, छूट जाय कब प्राण।।नव युग तुझे पुकारता,तरुवर तू मत काट।पर्यावरण मनुज बचा, तब होगा कल्याण ।।नव युग की बेला कहे,पढ़ ले वेद पुराण।मात पिता … Read more

केवरा यदु मीरा के दोहे

केवरा यदु मीरा के दोहे (1) चंदन माथे पर चंदन लगा, कैसा ढ़ोंग रचाय ।मंदिर मठ के नाम पर, वह व्यापार चलाय ।। (2)अग्निपथ सैनिक चलते अग्निपथ, लिये तिरंगा हाथ ।पीछे फिर हटते नहीं, कटे भले ही माथ ।। (3)दीपक बेटा कुल दीपक बना, बेटी का अपमान ।भ्रूण कोख में मारते, होगा कब सम्मान ।। … Read more

राधा की पुकार गीत/ केवरा यदु “मीरा “

radha shyam sri krishna

राधा की पुकार गीत / केवरा यदु “मीरा “ राधा पुकारे  तोहे  श्याम  हाथ जोड़  कर।आ जाओ  मोहन  प्यारे  मथुरा  को छोड़  कर।।आ जाओ  मोहन  प्यारे मथुरा को छोड़ कर । रूठ गई निंदिया  श्याम  , चैनों  करार भी।प्रीत  जगाके  काहे  मुझको  बिसार दी।भूल  नहीं  जाना कान्हा  दिल से नाता  जोड़ कर।। आ जाओ  मोहन  … Read more

भारत वतन मिले -केवरा यदु”मीरा”

mera bharat mahan

भारत वतन मिले हे प्रभू धरा पर  जब जब जनम मिले।भारत वतन मिले भारत वतन मिले। राम कृष्ण गौतम गांधी का है देश।घर घर में हो रामायण गीता का  हो संदेश।सूर मीरा तुलसी  कबीरा   मिले।       भारत वतन—— गूँजे वेद की   श्रृचाएं मंदिर  की घंटियाँ।उतुंग  हिमालय   की  है ऊँची  चोटियाँ।गंगा यमुना  गोदावरी की संगम … Read more