कुण्डलिया की कुण्डलियाँ- कन्हैया साहू ‘अमित’
कुण्डलिया की कुण्डलियाँ। ********************************कुंडलिया लिख लें सभी, रख कुछ बातें ध्यान।**दोहा रोला जोड़ दें, इसका यही विधान।**इसका यही विधान,आदि ही अंतिम आये।**उत्तम रखें तुकांत, हृदय को अति हरषाये।**कहे ‘अमित’ कविराज, प्रथम दृष्टा यह हुलिया।**शब्द चयन है सार, शिल्प अनुपम कुंडलिया।* *रोला दोहा मिल बनें, कुण्डलिया आनंद।**रखिये मात्राभार सम, ग्यारह तेरह बंद।**ग्यारह तेरह बंद, अंत में … Read more