गुरू पर कुण्डलियां -मदन सिंह शेखावत

महर्षि वेद व्यासजी का जन्म आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को ही हुआ था, इसलिए भारत के सब लोग इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। जैसे ज्ञान सागर के रचयिता व्यास जी जैसे विद्वान् और ज्ञानी कहाँ मिलते हैं। व्यास जी ने उस युग में इन पवित्र वेदों की रचना की जब शिक्षा … Read more

गंगा की गरिमा रखे – मदन सिंह शेखावत

गंगा की गरिमा रखे गंगा की गरिमा रखे,                  रखना इसका मान।यही पावन पवित्र है,                  विश्व  करे  सम्मान। गंगा  है  भागीरथी,                   करती   है  उद्धार ।मत इसको गन्दा करे,          … Read more

हाथ जोड़कर विनय करू माँ

हाथ जोड़कर विनय करू माँ मंगल करनी भव दुख हरणी।माता मम् भव   सागर तरणी। हाथ जोड़कर विनय करू माँ।अर्ज दास की भी सुन लो माॅ  । निस दिन ध्यान करू मै मैया।तुम  हो  मेरी  नाव  खिवैया। तुम बिन कौन सुने अब मैया।मँझधारों    मे  फसती    नैया। गहरा  सागर  नाव    पुरानी।इसको  मैया   पार  लगानी। मदन सिंह शेखावत