मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 4

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक १५१/ शांत तालाबपाहन की चोट सेबिखर चला। १५२/ मुस्कुरा गईनव वधु के लबमैका आते ही। १५३/ बच्चे मायुसबिजली आते उठीखुशी लहर। १५४/ अपनी सीमाकमजोरी तो नहींप्रभाव जमा। १५५/ बाल संवारेदीदी आज भाई कासहज प्रेम १५६/ भूले बिसरेयादों में झिलमिलअसल पूंजी। १५७/ आकाश गंगातारों की टिमटिमतम की आस। १५८/ भीषण शीतलब गुंजित करेशास्त्रीय गीत। … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 3

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक १०१/ विकासशीलजगत का नियमहरेक पल १०२/अनुकूलनअस्तित्व का बचावकर पहल १०३/वातावरणकरता प्रभावितचल संभल १०४/ बच्चों के संगमिल जाती खुशियाँअपरम्पार।   १०५/ जीवन कमसमय फिसलताख्वाब हजार। १०६/ सूक्ष्म शरीरमन की चंचलताचांद के पार। १०७/ सर्वसमतानेकी बदी की छायाहरेक द्वार। १०८/ शहर शोरहो जुदा तू कर लेमौन विहार। १०९/ स्वर्ण बिछौना बिछाये धरा पररवि की रश्मि। ११०/ … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 2

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक ५१/ बिखरे पुष्पबंसत सुगंधितभ्रमर गीत। ५२/ कबूलफूल हो चाहे धुलप्यार है मूल। ५३/ प्यार जीवनमिट्टी की दुनिया मेंबाकी कफन। ५४/ पत्थर दिलपिघलता प्यार सेनहीं मुश्किल।  ५५/ मुड़ा भास्करउत्तरायण गति हुई संक्रांति। ५६/ उत्तरायणीहो चला दिनकरराशि मकर।   ५७/ किया तर्पणभगीरथ गंगा सेसंक्रांति दिन। ५८/ संक्रांति तिथिशरीर परित्यागमहान  भीष्म। ५९/ बाल संवारे~कांधे लटका थैलास्कूल को … Read more

मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग १

हाइकु

हाइकु अर्द्धशतक १/बसंत नाचेगाये गीत फाग केप्रेम राग के। २/बासंती चिट्ठीसंवदिया बन केआया बयार। ३/  बासंती  हवा   रंग  बिखर गया। निखर गया। ४/फलक तले खिले सरसों फुलबसंत पले। ५/पी का दीदारनशा ज्यों हो शराबदिल गुलाब । ६/ नदिया तीरखड़ा है जो गंभीरशिव मंदिर। ७/ मस्जिद परअल्लाहु अकबररब का घर । ८/ हर जगहवाहेगुरू फतहजै … Read more

आक्रोश पर निबंध – मनीभाई नवरत्न

“कभी रोष है ,तो कभी जोश है।

मन में उफनता , वो ‘आक्रोश’ है।

मदहोश यह, तो कहीं निर्दोष है।

परदुख से उत्पन्न ‘आक्रोश’ है।”