मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 4
हाइकु अर्द्धशतक १५१/ शांत तालाबपाहन की चोट सेबिखर चला। १५२/ मुस्कुरा गईनव वधु के लबमैका आते ही। १५३/ बच्चे मायुसबिजली आते उठीखुशी लहर। १५४/ अपनी सीमाकमजोरी तो नहींप्रभाव जमा। १५५/ बाल संवारेदीदी आज भाई कासहज प्रेम १५६/ भूले बिसरेयादों में झिलमिलअसल पूंजी। १५७/ आकाश गंगातारों की टिमटिमतम की आस। १५८/ भीषण शीतलब गुंजित करेशास्त्रीय गीत। … Read more