बसंत ऋतु

वसंत ऋतु / डा मनोरमा चंद्रा ‘ रमा ‘

वसंत ऋतु / डा मनोरमा चंद्रा ' रमा ' बसंत ऋतु आया वसंत आज, भव्य ऋतु मन हर्षाए। खिले पुष्प चहुँ ओर, देख खग भी मुस्काए।। मोहक लगे वसंत, हवा…

शहीदों की कुर्बानी पर कविता -मनोरमा जैन पाखी

शहीदों की कुर्बानी पर कविता -मनोरमा जैन पाखी पवन वेग से उड रे चेतक ,जहाँ दुश्मन यह आया है ।रखा रुप विकराल दुष्ट ने ,ताँडव  वहाँ  मचाया  है। रक्तरंजित हो…
moon

चाँद पर कविता

चाँद, पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है, जो रात के आकाश में एक चमकदार और मोहक वस्तु के रूप में चमकता है। इसकी सतह पर बहुत सारे गड्ढे, पर्वत और…
doha sangrah

मनोरमा चंद्रा के दोहे

मनोरमा चंद्रा के दोहे मिथ्या मिथ्या बातें छोड़कर, सत्य वचन नित बोल।दुनिया भर में यश बढ़े, बनें जगत अनमोल ।। अपने मन में ठान कर, मिथ्या का कर त्याग।जीवन कटे…

श्री नाथ की स्तुति – डॉ मनोरमा चंद्रा रमा

यहां पर कवियत्री डॉ मनोरमा चंद्रा रमा द्वारा रचित कविता श्रीनाथ की स्तुति आपके समक्ष प्रस्तुत है श्री नाथ की स्तुति स्तुति कर श्री नाथ की, कृपा मिले भगवंत।कण-कण ईश…
doha sangrah

कमल पर दोहे

प्रस्तुत कविता डॉ. मनोरमा चन्द्रा 'रमा' रायपुर (छ.ग.) द्वारा रचित है जिसे दोहा छंद विधा में लिखा गया है। यहां पर कमल पुष्प के बारे में विस्तार से वर्णन किया…
doha sangrah

अभिमान पर दोहे

प्रस्तुत हिंदी कविता " अभिमान " कवयित्री मनोरमा चंद्रा'रमा' के द्वारा दोहा -- छंद में रची गई है। इस कविता में कवयित्री ने माया , धन वैभव की निस्सारता, जाति…

बहार शब्द पर दोहा

बहार शब्द पर दोहा रंग बिरंगे फूल से ,            छाए बाग बहार ।भौरें भी मदमस्त हो ,           झूमे मगन अपार ।।रखें भरोसा ईश पर ,             जीवन हो उजियार ।सदा प्रतिष्ठा मान…
mahapurush

मेरे भारत देश है श्रेष्ठ गुणों की खान -मनोरमा चन्द्रा “रमा”

मेरे भारत देश है श्रेष्ठ गुणों की खान -मनोरमा चन्द्रा "रमा" मन में अभिलाषा भरी, सभी बने विद्वान। मेरे भारत देश है, श्रेष्ठ गुणों की खान।। शांति नाद गूँजे सदा,…