अनुभूति भाव पर कविता

अनुभूति भाव पर कविता दृश्य देख अनुभूति से ,             आया अब विश्वास ।अपने उन्नति के लिए ,             लोग करे ठग रास ।। जिसका अनुभव है तुझे ,              करो वही तुम कृत्य ।तुझमें प्रतिभा है भरी ,        … Read more

गुरु ईश्वर समतुल्य हैं

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे भारत जैसे महान् राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। उनका जन्म दिवस ही शिक्षक दिवस के रूप … Read more

साधना पर कविता

साधना पर कविता करूँ इष्ट की साधना,कृपा करें जगदीश।पग पग पर उन्नति मिले,तुझे झुकाऊँ शीश।। योगी करते साधना,ध्यान मगन से लिप्त।बनते ज्ञानी योग से,दूर सभी अभिशिप्त ।। जो मन को हैं साधते,श्रेष्ठ उसे तू जान।दुनिया के भव जाल में,फँसे नहीं वो मान।। करो कठिन तुम साधना,दृढ़ता से धर ध्यान।मन सुंदर पावन बने,संग मिले सम्मान।। मानव … Read more

वक्त ने सितम क्या ढाया है

वक्त ने सितम क्या ढाया है यह कैसी बेवसी है ,कैसा वक्त,अपनी हद में रह कर भी सजा पाईचाहा ही क्या था फ़कत दो गज जमीन ,वो भी न मिली और महाभारत हो गयी।चाहा ही क्या था बस अपना हक जीने कोराजनीति में द्रोपदी गुनाहगार हो गयी।त्याग,सेवा ,फर्ज दायित्व ही तो निभायेदेखो तो फिर भी … Read more