Posted inअन्य काव्य शैली हिंदी हाइकु कविता
हाइकु त्रयी
हाइकु त्रयी hindi haiku || हिंदी हाइकु [१]कोहरा घनाजंगल है दुबका दूर क्षितिज! [२]कोहरा ढांपे न दिखे कुछ पार ओझल ताल [३]हाथ रगड़ कुछ गर्माहट होकांपता हाड़ निमाई प्रधान'क्षितिज'*
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०निमाई प्रधान ‘क्षितिज’ के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .