माता के नवराते पर कुंडलियाँ

नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि शब्द एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। माता पर कविता बहार की छोटी सी सुन्दर कुंडलियाँ … Read more

घर मंदिर पर कविता

घर मंदिर पर कविता त्याग और सहयोग जहाँ होघर वो ही कहलाता है।इक दूजे में प्यार बहुत होघर मंदिर बन जाता है।।1।। आँगन में किलकारी गूँजेघर बच्चों से भरा रहे।नारी का सम्मान जहाँ होप्रेम और सहयोग रहे।।2।। बड़े दिखाए स्वयं बड़प्पनछोटे आज्ञाकारी हो।आपस में सहयोग भाव होजहाँ नही लाचारी हो।।3।। संस्कारो का मान जहाँ होमिलजुलकर … Read more

बंधन पर कविता

बंधन पर कविता बंधन बांधो ईश से, और सभी बेकार।केवल ब्रह्म सत्य है,पूरा जगत असार।। बंधन केवल प्यार का,होता बड़ा अनूप।स्वार्थ भावना से रहित,होता इसका रूप।। कर्मों का बंधन हमे,बांधे इस संसार।कर्म करें निष्काम तो,होते भव से पार।। मर्यादा में जो बंधे,वह सच्चा इंसान।जो मर्यादा रहित है,पाय नही सम्मान।। मर्यादा में थे बँधे, पुरुषोत्तम श्रीराम।चले … Read more

रजत विषय पर दोहा

रजत विषय पर दोहा रजत वर्ण की चाँदनी,फैल रही चहुँओर।चमक रहा है चंद्रमा, लगे रात भी भोर।। रात अमावस बाद ही , होता पूर्ण उजास।दुग्ध धवल सी पूर्णिमा,करती रजत प्रकाश।। कर्म सभी ऐसा करो , हो जाए जो खास।रजत पट्टिका में पढ़े,स्वर्णिम सा इतिहास।। रजत आब वृषभानुजा,श्याम वर्ण के श्याम।दर्शन दोनो के मिले,मिले नयन विश्राम।। … Read more

शिव-शक्ति पर कविता

प्रस्तुत कविता शिव शक्ति पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।