पशु पक्षियों की पाठशाला ( कविता )

पशु पक्षियों की पाठशाला ( कविता ) सुबह हुई है देखो भाई,पशु पक्षियों ने कक्षा लगाई,कौवा बोला ‘क’ से मैं,कोयल बोली ‘क’ से मैं,कबूतर बोला ‘क’ से मैं,ख से मैं हूँ खरगोश,बोला सब हो जाओ खामोश,न करो तुम आपस में लड़ाई,हमने अपनी अपनी पहचान बनाई,‘ग’ से बोले गधे भाई,एकता में है शक्ति समाईइतने में आये … Read more

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मेरे आँगन में आई नन्हीं चिड़िया

kavita

नन्ही सी चिड़िया कितनी मेहनत से घोसला बनती है बिना किसी स्वार्थ के एक दिन सभी बच्चे छोड़ जाते है और उड़ जाते है खुले आसमान में . हमें कुछ सिख मिलती है इस से ..

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