सद्व्यवहार – राकेश सक्सेना
धन –
क्षणिक सुख है
सदव्यवहार –
जीवन का सच्चा साथी है
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर0 राकेश सक्सेना के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
धन –
क्षणिक सुख है
सदव्यवहार –
जीवन का सच्चा साथी है
चिंता से चिता तक मां बाप को बच्चों के भविष्य की चिन्ता,महंगे से स्कूल में एडमिशन की चिन्ता।स्कूल के साथ कोचिंग, ट्यूशन की चिन्ता,शहर से बाहर हाॅस्टल में भर्ती की चिन्ता।। जेईई, नीट, रीट कम्पीटीशन की चिन्ता,सरकारी, विदेशी कं. में नौकरी की चिन्ता।राजशाही स्तर का विवाह करने की चिंता,विवाह पश्चात विदेश में बस जाने की … Read more
बम भोले से अरदास
नित नई आपदाओं से
भू-मण्डल की रक्षा करें 🙏
जाने तुम कहां गए – मेरी रचना अरमानों से सींच बगिया,जाने तुम कहां गए।अंगुली पकड़ चलना सीखाकर,जाने तुम कहां गए।। सच्चाई के पथ हमको चलाकर,जाने तुम कहां गए।हमारे दिलों में घर बनाकर,जाने तुम कहां गए।। तुम क्या जानो क्या क्या बीती,तुम्हारे बनाए उसूलों पर।। वृद्धाश्रम में मां को छोड़ा,बेमेल विवाह मेरा कराया।छोटे की पढ़ाई छुड़ाकर,फैक्ट्री … Read more