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संविधान पर दोहे
------संविधान------ सपने संत शहीद के,थे भारत के नाम।है उन स्वप्नों का सखे, संविधान परिणाम।। पुरखों ने निज अस्थियों,का कर डाला दाह।जिससे पीढ़ी को मिले, जगमग ज्योतित राह।। संविधान तो पुष्प…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर0रेखराम साहू के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .