सुकमोती चौहान रुचि की ग़ज़ल

सुकमोती चौहान रुचि की ग़ज़ल गज़ल बहर 1212  1212   1212   1212 दबा के दुखती नस को लाया जलज़ला अभी -अभीच़रागे दिल जला गया वो हमनवा अभी – अभीदुआ करो कि बुझ न पाये आग ये जुनून कीमुझे दिखा मुकाम वो चला गया अभी – अभीन जी रहे न मर रहे मिला ये इश्क़ मेंसिला ये … Read more

धरती तुझे प्रणाम

धरती तुझे प्रणाम माथ नवाकर नित करूँ , धरती तुझे प्रणाम ।जीव जंतु का भूमि ही , होता पावन धाम ।। खेले कूदे गोद में , सबकी माँ हो आप ।दुष्ट मनुज को भी सदा , देती ममता थाप ।। धरती माँ जैसी नहीं , कोई पालन हार ।सबका सहती भार ये , महिमा अपरंपार … Read more

हरे यादों के पन्ने-सुकमोती चौहान “रुचि”

हरे यादों के पन्ने किया याद है कौन , हिचकियाँ मुझको आई ।गुजरे अरसे बाद , कसक हिचकोले खाई ।जिल्द पुराने झाड़ , हरे यादों के पन्ने ।अधर खिला मुस्कान , नेत्र जल मीठे गन्ने ।कुछ यादें जीवन के अमर , अनायास ही उभरते ।निराकार अव्यक्त ये , मानस पट पर विचरते । आया बचपन … Read more