जलियांवाला बाग की याद में कविता
जलियांवाला बाग की याद में कविता जलियांवाला बाग के अमर शहीदों को सलाम।अमर कुर्बानी का पावन अमृतसर शुभ धाम।।तड़ातड़ चली थी निहत्थों पर अनगिनत गोलियां।कसूर था बस बोल रहे थे इंकलाब की बोलियाँ।।जनरल डायर की बर्बरता की चली थी अंधाधुंध गोलियां।महिलाओं बच्चों पर खेली गई खून की होलियां।।निर्दयी जनरल डायर को तनिक भी दया नहीं … Read more