जलियांवाला बाग की याद में कविता

mahapurush

जलियांवाला बाग की याद में कविता जलियांवाला बाग के अमर शहीदों को सलाम।अमर कुर्बानी का पावन अमृतसर शुभ धाम।।तड़ातड़ चली थी निहत्थों पर अनगिनत गोलियां।कसूर था बस बोल रहे थे इंकलाब की बोलियाँ।।जनरल डायर की बर्बरता की चली थी अंधाधुंध गोलियां।महिलाओं बच्चों पर खेली गई खून की होलियां।।निर्दयी जनरल डायर को तनिक भी दया नहीं … Read more

मन का तामस पर कविता

मन का तामस पर कविता हो तमस का घोर अंधेरा,तो तुम यूँ घबराना ना।गर पग डगमगाए तुम्हारे,तो मिलकर साथ निभाना।हाथ उठाकर प्रण करो तुम,मिलकर बोझ उठाना ना।गर अंतरतम में छाए अंधेरा,विश्वास का दीप जलाना ना।गर गली का दीप बुझा हो,अपने घर का दीप बुझाना ना।गर चुनौती कठिन लगे तो,विपदा को पीठ दिखाना ना।चित चंचल चितवन … Read more

महामारी पर कविता

महामारी पर कविता कोरोना से जन जीवन हताश है।खिले चेहरे आज क्यों उदास हैं।मन में भरो हमारे माता विश्वास है।विपदा की घड़ी में इंसान क्यों निराश है।माँ दुर्गा भवानी विपदा से हमको संभालो।कैसी है ये मुश्किल इससे हमको निकालो।कर जोड़ विनती है माँ दुर्गा भवानी।इस महामारी से दुनिया को बचा लो। *सुन्दर लाल डडसेना”मधुर”*ग्राम-बाराडोली(बालसमुंद),पो.-पाटसेन्द्री

वक्त पर कविता

वक्त पर कविता दुनिया कितनी सुंदर व प्यारी है।भारत उन सबमें नूतन न्यारी है।दुनिया के इस समय की घटना सुनाते हैं।चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।1.सभी तरफ कोहराम मचा है।जान बचाना हो गया भारी।मनुष्य चाँद पर जा पहुंचा।पर एक वायरस से कैसी लाचारी।इस विपदा की घड़ी में अपना कर्तव्य निभाते हैं।चलो आज घर में … Read more

जल पर कविता

जल पर कविता जल जीवन का सार है।जल जीने का आधार है।जल प्यासे की पुकार है।जल जीवन का करतार है।जल है तो कल है।जल बिना जीवन विकल है।बूँद बूँद का संचय कर मधुर।तब ही होगा तेरा जीवन सफल है।जल ही जीवन है।इसे व्यर्थ में न बहाएँ।जल संचय कर मधुर।अपना कर्तव्य निभाएँ।जल जीवन की पहचान है।जल … Read more