वक्त पर कविता

वक्त पर कविता

दुनिया कितनी सुंदर व प्यारी है।
भारत उन सबमें नूतन न्यारी है।
दुनिया के इस समय की घटना सुनाते हैं।
चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।
1.सभी तरफ कोहराम मचा है।
जान बचाना हो गया भारी।
मनुष्य चाँद पर जा पहुंचा।
पर एक वायरस से कैसी लाचारी।
इस विपदा की घड़ी में अपना कर्तव्य निभाते हैं।
चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।
2.पूरी धरती सुनी सुनसान पड़ी है।
कदम से कदम मिलाये शत्रु खड़ी है।
जिधर देखो उधर लाशों की झड़ी है।
हर इंसान आज संगीन खड़ी है।
इस विपदा की घड़ी में हम हिम्मत बंधाते हैं।
चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।
3.दुनिया में हर तरफ हर मंजर पर।
तूफानों के साये पलते हैं।
हर कोई एक दूसरे से जलते हैं।
हर गफलत को आज हम मिटाते हैं।
क्या हुआ,क्यों हुआ,सबकुछ भुलाते हैं।
चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।

*सुन्दर लाल डडसेना”मधुर”*
ग्राम-बाराडोली(बालसमुंद),पो.-पाटसेन्द्री
तह.-सरायपाली,जिला-महासमुंद(छ. ग.)
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ईमेल- [email protected]

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